अहमदाबाद: राज्य सरकार का संकल्प, गुजरात को बनाएँगे Startup Ecosystem का हब

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व में केन्द्र एवं राज्य सरकार ‘स्टार्टअप’ शब्द की परिभाषा को सही अर्थ में चरितार्थ करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं।
अहमदाबाद: राज्य सरकार का संकल्प, गुजरात को बनाएँगे Startup Ecosystem का हब

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में ‘विक्रम साराभाई चिल्ड्रन इनोवेशन सेंटर के युवा शोधकर्ताओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने वीएससीआईसी के‘ इनोवेशन इन्टरप्रेन्योरशिप एण्ड डीजाइन थिकिंग मैसिव ऑनलाइन ओपेन कोर्स ’तथा गुजरात यूनिवर्सिटी स्टार्टप एण्ड इन्टरप्रेन्योरशिप काउंसिल (जीयूएसईसी) की कॉफ़ी टेबल बुक ‘75 स्टार्टप ऑफ जीयूएसईसी एस्सेलरेटिंग आत्मनिर्भर भारत ’को भी लॉन्च किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने युवा शोधकर्ताओं तथा उद्यमियों के विचार-बीज को उचित प्लेटफ़ॉर्म (मंच) प्रदान कर एक विचार को प्रोडक्ट (उत्पाद) तक पहुँचाने के लिए ‘स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन’ पॉलिसी क्रियान्वित की है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व में केन्द्र एवं राज्य सरकार ‘स्टार्टअप’ शब्द की परिभाषा को सही अर्थ में चरितार्थ करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं।

गुजरात को स्टार्टअप इकोसिस्टम का हब बनाने के लिए तथा युवा शोधकर्ताओं व उद्यमियों के विचारों को इनक्यूबेशन, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट से लेकर मार्केटिंग व ब्रैण्डिंग तक की सहायता प्रदान करने के लिए राज्य में जीयूएसईसी, वीएससीआईसी, आई-क्रीएट, आई-हब सहित संस्थान राज्य सरकार के साथ समन्वय करते हुए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।

स्टार्टअप तथा इनोवेशन पॉलिसी के अंतर्गत युवा उद्यमियों व अनुसंधान-शोधकर्ताओं को 2.5 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है। गुजरात आज विज्ञान, टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) एवं इनोवेशन (नवाचार) क्षेत्र में शीर्षस्थ स्थान प्राप्त करने की दिशा में सुदृढ़तापूर्वक क़दम बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि अब तक जानकारी के अभाव में या ‘लोग क्या सोचेंगे ?’ के भय से कुछ अच्छे विचार आगे नहीं बढ़ पाते थे या बाहर नहीं आ पाते थे। आज सुदृढ़ सरकारी पॉलिसी, योजनाओं एवं शैक्षिक संस्थानों के साथ समन्वय के माध्यम से प्रत्येक स्टार्टअप के विचार को उचित प्लेटफ़ॉर्म एवं उचित वातावरण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है।

अवसरों का विशाल आकाश उपलब्ध होने के कारण आज विद्यार्थी तथा उद्यमी अपने विचारों के साथ खुल कर बाहर आ रहे हैं। उद्यमियों एवं शोधकर्ताओं की प्रेरणा से आज राज्य भर के युवाओं के लिए स्टार्टअपनौकरी के अतिरिक्त भी कॅरियर निर्माण के लिए एक सबल माध्यम के रूप में स्थापित हो रहे हैं।

ऐसे स्टार्टअप सही अर्थ में आत्मनिर्भर होते हैं। वे अपने विकास के साथ अन्य लोगों को भी रोज़गार प्रदान करते हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएँ सही अर्थ में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार करेंगी।

मुख्यमंत्री ने सभी युवा शोधकर्ताओं व उद्यमियों के समक्ष उनके शोध-अनुसंधानों के विषय में विस्तार से जानने की इच्छा व्यक्त करते हुए सभी को अपने आवास पर आने का निमंत्रण दिया।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में इनोवेशन क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या दुगुनी होगी और भारत स्टार्टअप तथा इनोवेशन त्र में विश्व में विशिष्ट स्थान प्राप्त करेगा।

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप एवं इनोवेशन क्षेत्र में गुजरात सरकार द्वारा इस वर्ष 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है; जो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सफल नेतृत्व में स्टार्टअप व इनोवेशन क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि 35 वर्ष की आयु तक के उद्यमी राज्य सरकार की स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी के अंतर्गत रिसर्च एंड डेवलपमेंट और स्टार्टअप क्षेत्र में कार्य कर देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं; जिसका लाभ देने के लिए गुजरात सरकार कटिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि विक्रम साराभाई चिल्ड्रन इनोवेशन सेंटर जीयूएसईसी तथा यूनीसेफ के साथ मिल कर बाल शोधकर्ताओं की प्रतिभा को पहचान देने, उनकी शोध वृत्ति को बढ़ावा देने तथा उन्हें सुनियोजित संस्थागत ढाँचा प्रदान करने का कार्य करता है।

यह इनोवेशन सेंटर देश का इस प्रकार का प्रथम सेंटर है; जो बच्चों की विचार शक्ति, शोध वृत्ति तथा प्रॉब्लेम सॉल्विंग स्किलको माध्यम प्रदान करता है।

गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसेलर डॉ. हिमांशु पंड्या ने इस अवसर पर कहा कि निरंतर इनोवेशन तथा स्टार्टअप क्षेत्र से जुड़े प्रयास यदि किसी संस्थान द्वारा किए जाते हों, तो वह गुजरात यूनिवर्सिटी की जीयूएसईसी है।

उन्होंने कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है; जिसके पास पाँच सेक्शन हेड कंपनियाँ हैं। इन कंपनियों के माध्यम से काउंसिलिंग रिसर्च तथा कोलोबरेशन में अत्यंत प्रभावशाली कार्य किया जाता है।

राज्य सरकार द्वारा गुजरात यूनिवर्सिटी को पूरा साथ, सहयोग व मार्गदर्शन दिया जाता है; जिसके कारण ही स्टार्टअप क्षेत्र में राज्य लगातार तीसरे वर्ष प्रथम स्थान पर रहा है।

जीयूएसईसी द्वारा नए-नए इनोवेशन करने के लिए ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की गई है; जिसमें देश के सभी लोग किसी भी कोने से आवेदन कर भाग ले सकते हैं और रिसर्च, स्टार्टअप, उद्यमिता एवं अभ्यास कर सकते हैं।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एस. जे. हैदर, उच्च शिक्षा आयुक्त एम. नागराजन, गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पी. एम. पटेल,जीयूएसईसी, वीएससीआईसी, गुजरात यूनिवर्सिटी व यूनीसेफ के सदस्य, युवा शोधकर्ता एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

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