
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह बुद्धि, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का कारक माना जाता है। बुध ग्रह मिथुन राशि और कन्या राशि के स्वामीग्रह माने जाते हैं। 31 मार्च, 2023 को दोपहर 02 :44 पर बुध मेष राशि में गोचर कर चुके हैं और ये 7 जून तक मेष राशि में ही रहेंगे और उसके बाद वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
अपनी यात्रा के बीच में ही बुधदेव 21 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 05 मिनट पर वक्री होंगे और पुनः 15 मई की सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर मार्गी होंगे। मेष राशि में बुध देव की वक्री दशा इन राशियों पर विशेष प्रभाव डालेगी। उनकी सारी आर्थिक तंगी इस गोचर से दूर हो सकती है आइए जानते हैं कौन सी है वो राशियां।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और वक्री गति में पहले घर में रहेंगे। बुध ग्रह मेष राशि में ही वक्री हो रहे हैं और इसके प्रभाव से मेष राशि के जातकों को करियर के संबंध में संतुष्टि, वृद्धि आदि के मामले में उच्च लाभ प्रदान कर सकता है। नौकरी के नए अवसर भी मिलने की संभावना है। मेष राशि में बुध के वक्री होने के दौरान जातकों के लिए विदेश में भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और एकादश भाव का स्वामी है और नवम भाव में विराजमान है। मेष राशि में बुध का वक्री होना सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छा हो सकता है। इस अवधि के दौरान सिंह राशि के जातकों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है। करियर के क्षेत्र में यह गोचर काफी सुचारू हो सकता है। सिंह राशि के जातकों को नई नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। जो जातक व्यापार कर रहे हैं उनको भी उच्च स्तर का मुनाफा प्राप्त हो सकता है। आर्थिक पक्ष की बात करें नवम भाव में बुध की स्थिति जातकों को आय के नए स्रोत दिल सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव में स्थित है। यहां तीसरा भाव साहस और आत्म विकास का है। करियर के क्षेत्र में बुध की वक्री दशा अत्यधिक कुशल परिणाम दे सकता है और नौकरी में अपनी उच्च प्रगति भी दिखा सकता है। इस दौरान पदोन्नति मिलने की प्रबल संभावना है। कुछ जातकों को विदेश में अवसर मिल सकते हैं जो उनके लिए वृद्धि और विकास प्रदान कर सकते हैं। इन जातकों को प्रमोशन व अन्य प्रोत्साहन भी मिल सकता है। जो जातक व्यापार कर रहे हैं उन्हें उच्च लाभ प्राप्त हो सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए, बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और इस चरण के दौरान दूसरे भाव में विराजमान है। यहां द्वितीय भाव पारिवारिक और निजी जीवन के लिए है। करियर के मोर्चे पर, बुध का यह गोचर अत्यधिक कुशल परिणाम दे सकता है और जातकों को धन वृद्धि के भी संकेत दे रहा है। मीन राशि के जो जातक व्यवसाय आदि कर रहे हैं उनकी उत्पादक क्षमता बढ़ेगी। आर्थिक पक्ष की बात करें तो बुध की वक्री स्थिति मीन राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकती है। इस अवधि में जातकों के लिए अधिक बचत करने की संभावना बन सकती है।
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