
मां आदिशक्ति की उपासना का पावन पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस साल 22 मार्च से हो रही है, जिसका समापन 30 मार्च को होगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना का विधान है। लेकिन नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है। इन दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन करने की भी परंपरा है। कन्याओं को साक्षात मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है।
दुर्गाष्टमी या फिर नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन जरूर करना चाहिए।
ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन किस दिन किया जाएगा और शुभ मुहूर्त कब है...
कुछ लोग दुर्गाष्टमी के दिन ही कन्या पूजन करते हैं, तो कुछ स्थानों पर नवमी के दिन किया जाता है। यहां पर हम आपको दुर्गाष्टमी और नवमी दोनों तिथियों के बारे में बता रहे हैं, जिसके आधार पर आप अपने अनुसार उस दिन शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि में अष्टमी तिथि 29 मार्च 2023 को है। इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है। पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 शाम 07 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन 29 मार्च 2023 को रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार दुर्गा अष्टमी 29 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन शोभन योग और रवि योग का संयोग बन रहा है।
शोभन योग - 28 मार्च, रात 11 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च, प्रात: 12 बजकर 13 मिनट तक
रवि योग - 29 मार्च, रात 08 बजकर 07 मिनट से 30 मार्च, सुबह 06 बजकर 14 मिनट तक
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 29 मार्च 2023 को रात 09 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 30 मार्च 2023 को रात 11 बजकर 30 मिनट पर होगा। नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इस दिन 4 शुभ योग का संयोग बन रहे हैं।
गुरु पुष्य योग - 30 मार्च, 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च, सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग - 30 मार्च, 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च, सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
रवि योग - पूरे दिन
दुर्गाष्टमी या राम नवमी, जिस दिन भी आप कन्या पूजन करना चाहते हैं उस दिन सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा करें।
फिर कन्याओं को भोजन पर आमंत्रित करें।
कन्या को घर में पधारने पर आदरपूर्वक उनको आसन पर बैठाएं।
साफ जल से उनके पांव पखारें, उनकी फूल, अक्षत् आदि से पूजा करें।
इसके बाद घर पर बने पकवान भोजन के लिए दें।
इस दिन हलवा, चना और पूड़ी बनाते हैं।
मां दुर्गा स्वरूप कन्याओं को भोजन कराने के बाद दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
इसके बाद खुशी खुशी उनको विदा करें, ताकि अगले साल फिर आपके घर माता रानी का आगमन हो।
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