
चैत्र हो या शारदीय नवरात्रि के दौरान महाअष्टमी यानी दुर्गा अष्टमी का दिन खास रहता है। इस दिन दुर्गा माता के 8वें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। यह बहुत ही शुभ दिन होता है जिसे अधिकतर घरों में मनाया जाता है। अधिकतर घरों में इसी दिन व्रत का पारण भी किया जाता है। आओ जानते हैं कि इस दिन कौन-से शुभ उपाय या कार्य किए जाते हैं।
दुर्गा अष्टमी के दिन करें ये काम
1. हवन: कई लोगों के यहां सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का समापन होता है, तब अंतिम दिन हवन किया जाता है। अष्टमी के दिन हवन करना शुभ होता है।
2. कन्या भोज: जब व्रत के समापन पर उद्यापन किया जाता है तब कन्या भोज कराया जाता है। अष्टमी पर 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद छोटी कन्याओं को छोटे-छोटे पर्स में दक्षिणा रखकर लाल रंग के किसी भी गिफ्ट के साथ भेंट करें।
3. संधि पूजा: इस दिन माता रानी की प्रात: आरती, दोपहर आरती, संध्या आरती और संधि आरती करते हैं। संधि आरती अष्टमी तिथि के समापन और नवमी के प्रारंभ के समय करते हैं।
4. लाल चुनरी: माता को इस दिन लाल चुनरी अर्पित करना चाहिए। आप चाहें तो आरती और पूजा के दौरान इस दिन 5 प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर माता रानी को अर्पित करें।
5. लाल ध्वज: देवी मंदिर में लाल रंग की ध्वजा अर्पित करें, चाहें तो मंदिर के गुंबद पर लगा सकते हैं।
6. देवी को लगाएं भोग: अष्टमी के दिन माता के मंदिर में जाकर लाल चुनरी में मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें। इसके साथ ही देवी को मालपुए और खीर का भोग लगाएं।
7. शनि मुक्ति के लिए करें पूजा: अष्टमी और नवमी तिथि पर शनि का भी प्रभाव रहता है। इस दिन माता की अच्छे से आराधना करने से शनि के प्रभाव से माता रक्षा करती हैं।
8. सुहागिनों के दें श्रृंगार का सामान: इस दिन सुहागिन स्त्री को चांदी की बिछिया, कुमकुम से भरी चांदी की डिबिया, पायल, अम्बे माता का चांदी का सिक्का और अन्य श्रृंगार की सामग्री भेंट करें।
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