
ईसाई धर्म में ईस्टर संडे का विशेष महत्व होता है। इस साल ईस्टर संडे 09 अप्रैल को है। ये दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद खास होता है। ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं। वहीं ईस्टर संडे पर उनकी खुशी दोगुनी होती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि अप्रैल में गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी आने वाले रविवार को ईसा मसीह दोबारा जीवित हुए थे। ईसा मसीह के जीवित होने की खुशी में ईस्टर संडे का पर्व मनाया जाता है।
ईसाई धर्म ग्रंथ के अनुसार पुनर्जीवित होने के बाद यानी ईस्टर संडे के बाद 40 दिन तक ईसा मसीह पृथ्वी पर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने शिष्यों को प्रेम और करुणा का पाठ पढ़ाया, उसके बाद वे स्वर्ग चले गए।
ऐसे में चलिए आज जानते हैं इस पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें...
गुड फ्राइडे के दिन क्या हुआ था? :-
प्रभु यीशु प्रेम और शांति के मसीहा थे। कहा जाता है कि दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को धार्मिक कट्टरपंथी ने सूली पर चढ़ा दिया था। जब प्रभु यीशु को शूली पर चढ़ाया गया तो उनके अनुयाई निराशा हो गए। हालांकि इसके तीन दिन बाद संडे के दिन वे जीवित हो उठे। इसके बाद उनके अनुयाइयों में खुशी की लहार दौड़ गई। तब से ईसाई धर्म में ये पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है ईस्टर संडे? :-
ईस्टर संडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं। उनकी याद में गिरजाघर यानी चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। लोग बाइबिल पढ़ते हैं और प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं।
ईस्टर के पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूमधाम और उत्साह से मनाते हैं। एक दूसरे को बधाई देते हैं। कहा जाता है कि इस दिन ईशा मशीह के जीवित होने के बाद उनको यातनाएं देने वाले और सूली पर चढ़ाने वाले लोगों को भी बहुत पश्चाताप हुआ था, इसलिए इसे बदलाव का भी दिन माना जाता है।
ईस्टर पर अंडों का महत्व :-
ईस्टर पर अंडों का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग अलग-अलग तरह से अंडों को सजाते हैं। साथ ही एक-दूसरे को अंडे गिफ्ट में भी देते हैं। इस दिन अंडे का महत्व इसलिए है, क्योंकि ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं।
Keep up with what Is Happening!