
इस समय रमजान का पाक महीना चल रहा है। 23 मार्च को चांद के दीदार के साथ भारत में 24 मार्च से रमजान के महीने की शुरुआत हो गई है। जल्द ही ईद का त्योहार मनाया जाएगा। ईद यानी ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास है। एक महीने तक रोजा रखने के बाद ईद के इंतजार की खुशी अलग ही होती है।
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, साल के नौवें महीने में रोजा रखा जाता है और 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। इस दिन सभी रोजेदारों के रोजे पूरे हो जाते हैं। हालांकि ईद मनाने की तारीख चांद दिखने के हिसाब से ही मुकम्मल की जाती है।
जिस दिन चांद दिखता है, उस दिन को चांद मुबारक कहा जाता है। सऊदी अरब में सबसे पहले ईद की तारीख का एलान किया जाता है।
ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल ईद कब मनाई जाएगी...
रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान में ईद की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। पाकिस्तान में ईद की तारीख 22 अप्रैल रहेगी। भारत में भी 22 अप्रैल को ही ईद मनाई जाने की उम्मीद है। दरअसल, पाकिस्तान में इस साल रमजान अरब देशों के साथ शुरू हुआ था। यानी अरब देशों में पहला रोजा 23 मार्च को हुआ था, लेकिन भारत में 24 अप्रैल को पहला रोजा रखा गया था। यदि भारत में 21 अप्रैल को चांद दिखता है तो फिर 22 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी। ऐसे में भारत में 29 रोजे ही होंगे। वहीं पाकिस्तान और अरब देशों में पूरे 30 रोजे हो जाएंगे।
ईद-उल-फितर का महत्व :-
मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का त्योहार बेहद खास होता है। ये अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का दिन होता है। इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है। वहीं दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। शव्वाल का अर्थ है, 'उपवास तोड़ने का त्योहार।'
इस तरह मनाते हैं ईद का त्योहार :-
ईद वाले दिन सुबह सबसे पहले नमाज अदा की जाती है। इसके बाद खजूर या कुछ मीठा खाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज अदा करने जाते हैं। साथ ही एक दूसरे से गले मिलकर खुशियां जाहिर करते हैं। सभी रिश्तेदार और दोस्त एक दूसरे के घर जाते हैं। घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।
इतिहास :-
ईद-उल-फितर या ईद इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है। मान्यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की थी। इस खुशी में ईद मनाई जाती है। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों को ईद के लिये निर्धारित किया था। इस तरह से साल में दो बार ईद मनाई जाती है। जिसे ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा कहा जाता है।
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