
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो शनिवार के दिन महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोले शंकर की पूजा करने के बाद किसी मंदिर में जाकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा के साथ चांदी या तांबे का नाग का जोड़ा भेंट करें।
इस दिन भगवान शिव और शक्ति में आस्था रखने वाले लोग सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत होकर जिस बाल्टी में स्नान करते हैं उसमें काले तिल डालते हैं।
स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मंदिर या घर में स्थापित भगवान शिव की मूर्ति की दूध, दही, घी और शक्कर से बने पंचामृत से पूजा करनी चाहिए, गंगाजल से स्नान करना चाहिए।
इसके बाद बिलिपत्र, धतूरा, भांग, फूल और फूलों की माला, चंदन का अखंड, जानोई, कलाव, सफेद वस्त्र, लाल चुनरी, फल और मिठाई आदि चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।
यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो अपने सामर्थ्य के अनुसार तांबे या चांदी के नागों के जोड़े से कुछ दक्षिणा करें।
इस दिन नागों के जोड़े का अभिषेक कर प्रात:काल में उन्हें भक्तिभाव से पवित्र नदी में छोड़ दें और शिव पूजा समाप्त होने के बाद उनसे दया की प्रार्थना करें। जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए भी क्षमा याचना करें।
आप शिव चालीसा या शिव सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं। यदि यह संभव न हो तो ॐ नमः शिवाय मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें। रुद्राक्ष की माला से जप करना उत्तम रहेगा।
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