Kumbh Mela : कुंभ स्नान से ये राशियां होंगी सीधे तौर पर प्रभावित, आपके जीवन पर पड़ेगा असर
कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. इस साल का कुंभ मेला हरिद्वार में लगा है. वैसे तो कुंभ का आयोजन 12 साल के बाद होता है लेकिन इस बार कुंभ का मेला 11वें साल में ही पड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे। आज से कुंभ मेले की शुरुआत हो गई है। पहले दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और आने वाले समय में पूरे देश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। आस्था और अध्यात्म का ये विश्व का सबसे बड़ा जमघट है, जिसे लोग कुंभ मेला के तौर पर जानते हैं।
कुंभ में स्नान करने का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में कुंभ के बारे में ये बताया गया है कि कुंभ में सभी देवी-देवता प्रवासी के रूप में निवास करते हैं। कुंभ के लिए सबसे श्रेष्ठ प्रयाग के कुंभ को माना गया है और इसीलिए प्रयागराज को तीर्थराज भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुंभ में स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
कुंभ का है ज्योतिषीय महत्व
कुंभ का ज्योतिषीय महत्व भी बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों पर साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है, उन लोगों को कुंभ स्नान करने से लाभ मिलता है। वहीं, जो लोग शनि देव की अशुभ दृष्टि पड़ने से पीड़ित हैं, उन्हें भी शुभ तिथि में विधि पूर्वक स्नान करना चाहिए। मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इसके साथ ही जिन लोगों को राहू-केतू से संबंधित परेशानियां बनी हुई हैं, उन्हें भी कुंभ स्नान करने से लाभ मिलता है।
गुरु, सूर्य और चंद्रमा ग्रह होते हैं शुभ
कुंभ में गुरु, सूर्य और चंद्रमा ग्रह का विशेष महत्व माना गया है. कुंभ के आयोजन में भी इन ग्रहों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है. जिन लोगों के जीवन में गुरु, सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी कोई समस्या बनी हुई है और अगर वो कुंभ में शुभ तिथियों में स्नान करते हैं तो उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी.
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