
वैदिक ज्योतिष में मंगल को रक्त, साहस और भूमि का कारक कहा गया है। इसके अलावा स्त्री की कुंडली में पति के सौभाग्य को भी मंगल से जोड़कर देखा जाता है। मंगल वर्तमान में वक्री होकर वृष राशि में गोचर कर रहे है और 13 जनवरी 2023 को मंगल मार्गी होंगे।
इसके बाद 13 मार्च को वो बुध की राशि मिथुन में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल के मार्गी होने से सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव होगा। आइये समझते है कि आपकी राशि पर इसका क्या असर होने वाला है।
मेष राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल लग्न और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब आपकी राशि से दूसरे भाव में मार्गी होंगे जो कि धन भाव कहा गया है। इस भाव से वाणी, संपत्ति और संचित धन का पता लगाया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके पंचम, अष्टम और नवम भाव पर होगी। इस गोचर काल के दौरान आपको अपनी वाणी पर काबू रखना होगा। इस समय परिवार के किसी सदस्य के साथ आपकी कलह हो सकती है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को कठिनाई होगी। इस समय आपको सलाह दी जाती है कि आप वाहन सावधानी से चलाए। मंगल की कृपा से इस समय अपने गुरु का सहयोग प्राप्त होगा।
वृष राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी होकर अकारक होते हैं। मंगल अब आपकी राशि में ही यानी कि लग्न में ही मार्गी होंगे। लग्न से जातक के व्यक्तित्व का ज्ञान होता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके चौथे, सप्तम और अष्टम भाव पर होगी। इस गोचर काल के दौरान आपके स्वभाव में क्रोध की अधिकता दिखाई पड़ सकती है। इस समय आपको अहंकार के भाव से बचना होगा। किसी वाहन को खरीदने की इच्छा पूरी हो सकती है। वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव देखने को मिल सकता है। अपने प्रेमी के साथ मनमुटाव से बचकर चलना होगा। गुप्त विद्या सीख रहे जातकों के लिए अच्छा समय है।
मिथुन राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं। मंगल अब आपकी राशि से बारहवें भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक के व्यय, विदेश और एकांत का ज्ञान होता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि आपके तीसरे, छठे और सप्तम भाव पर होगी। इस गोचर काल में आपको अपने खर्चों पर काबू करके चलना होगा। इस समय आपको अचानक से लम्बी दूरी की यात्राएं करनी होगी। मंगल के प्रभाव से आपकी वाणी के कारण भाइयों से मनमुटाव संभव है। इस समय नौकरी कर रहे जातकों को थोड़ी कठिनाई महसूस होगी। वैवाहिक जीवन में तनाव की आशंका दिखाई दे रही है। पत्नी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
कर्क राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी होकर योगकारक होते हैं। मंगल अब कर्क राशि के जातकों के लिए एकादश भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक की आय का पता लगता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि आपके धन, संतान और शत्रु भाव पर होगी। मंगल के इस गोचर से आपकी आय में वृद्धि और कार्य स्थल पर सम्मान होगा। इस समय आप किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे। परिवारजनों से पूर्ण सहयोग रहने की उम्मीद है। इस समय किसी भूमि में निवेश कर सकते है। मंगल की कृपा से संतान से सहयोग प्राप्त। किसी पुरानी बीमारी के खत्म होने का योग दिखाई दे रहा है।
सिंह राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं। मंगल अब सिंह राशि के जातकों के लिए दशम भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक के कर्म स्थल का ज्ञान किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि लग्न, चौथे और पंचम भाव पर होगी। मंगल के इस गोचर के फलस्वरूप आपको कार्य स्थल अब अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। इस समय आपकी ऊर्जा और साहस बढ़ा हुआ रहने वाला है। इस गोचर काल में आपको सम्मानित भी किया जा सकता है। इस समय आपको अपनी प्रेमी की भावनाओं को समझकर आगे चलना होगा। मंगल के इस गोचर में आपको मां की सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
कन्या राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी होकर अकारक होते हैं। मंगल कन्या राशि के जातकों के लिए अब भाग्य स्थान में मार्गी होने जा रहे है। इस भाव से जातक की धार्मिक रूचि, गुरु और उच्च शिक्षा का आंकलन किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके बारहवें भाव, तीसरे और चौथे भाव पर होगी। मंगल के इस गोचर से विदेश यात्रा का योग बनेगा। कारोबारी वर्ग के लोगों की काम के कारण बड़ी यात्राएं होगी। इस गोचर काल में आपका साहस बढ़ा हुआ रहेगा हालांकि भाइयों से अनबन का योग भी बना हुआ रहेगा। मानसिक चिंता हावी हो सकती है। मंगल के इस गोचर के दौरान आर्थिक लेनदेन में सावधानी रखनी होगी।
तुला राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और धन भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब आपकी राशि से अष्टम भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से अकस्मात होने वाली घटना का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके एकादश, दूसरे और तीसरे स्थान पर होगी। आपको इस समय आपकी सेहत का ख़ास तौर से ध्यान रखना होगा। आपको सलाह दी जाती है कि आप वाहन को सावधानी से चलाये इसके अलावा धन के लेनदेन में भी आप लापरवाही नहीं करे। इस दौरान किसी कोर्ट केस को लेकर आप परेशान होंगे। अनुचित खर्चे आपकी समस्या का कारण बन सकते है। इस समय मित्रो पर अधिक भरोसा नहीं करें।
वृश्चिक राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल लग्न और छठे भाव के स्वामी होते हैं। मंगल इस राशि के जातकों के लिए अब सप्तम भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक के वैवाहिक जीवन और गृहस्थ का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके दशम, लग्न और दूसरे भाव पर होगी। मंगल के मार्गी होने से आपको कोई नया काम शुरू हो सकता है। काफी समय से अटके हुए कामों में अब आपको प्रगति दिखाई देगी। कार्य स्थल पर इस समय आपको टीम की लीड करने का काम मिल सकता है। इस समय अपने साहस से आप लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। मंगल के इस गोचर को लेकर आपको सलाह दी जाती है कि पारिवारिक कलह से बचकर चले।
धनु राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब धनु राशि के जातकों के लिए छठे भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक के ऋण,रोग और शत्रु का बोध किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि आपके नवम, द्वादश और लग्न भाव पर होगी। मंगल के इस गोचर से अब नौकरी में आ रही बाधाओं का नाश होगा। आपके गुप्त शत्रु इस दौरान बेदम हो जाएंगे। काम के सिलसिले में विदेश यात्रा के योग बनते हुए दिखाई दे रहे है। इस समय किसी धार्मिक यात्रा के माध्यम से किसी बड़े व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। इस समय आपकी ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा हुआ रहेगा और आप समाज में अपने काम से सम्मान प्राप्त करेंगे।
मकर राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और एकादश भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब मकर राशि के जातकों के लिए पंचम भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक के प्रेम, शिक्षा और संतान का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके अष्टम, एकादश और बारहवें भाव पर होगी। मंगल के इस मार्गी गोचर से आपको काम में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। व्यापारी वर्ग को इस गोचर काल में बढ़िया मुनाफा होगा। इस समय आपके प्रेम प्रस्ताव को अस्वीकार किया जा सकता है। विदेश में काम करे जातक प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे।
कुंभ राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दशम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब आपकी राशि से चौथे भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से जातक की मानसिक शक्ति और संपत्ति का विचार होता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके सप्तम, दशम और एकादश भाव पर होगी। मार्गी मंगल के इस गोचर से आपको थोड़ा मानसिक तनाव हो सकता है। इस समय आपको कार्य स्थल काम की अधिकता का अनुभव होगा। वैवाहिक जीवन में खटपट हो सकती है। इस समय पत्नी की ओर से कष्ट दिखाई दे रहा है। परिवार के किसी सदस्य की सेहत को लेकर आप परेशान रहने वाले है।
मीन राशि :-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल अब मीन राशि के जातकों के लिए तीसरे भाव में मार्गी होंगे। इस भाव से साहस, पराक्रम और भाइयो का विचार होता है। इस भाव में विराजमान मंगल की दृष्टि अब आपके छठे, नवम और दशम भाव पर होगी। मंगल के इस गोचर से आपका साहस बढ़ा हुआ रहेगा और छोटी यात्राओं से आपको लाभ होगा। इस समय भाइयों की मदद से आपको किसी संपत्ति का स्वामित्व भी प्राप्त हो सकता है। नौकरी कर रहे जातकों को नई और बड़ी नौकरी का प्रस्ताव अब मिल सकता है। कारोबारी वर्ग के लिए मंगल का यह गोचर आय के स्तोत्र बढ़ाने वाला रहेगा। रियल एस्टेट का काम कर रहे जातकों के लिए समय अच्छा है।
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