
20 अप्रैल दिन गुरुवार को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है और यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लग रहा है। सूर्य ग्रहण गुरुवार को सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर शुरू और 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य इस समय मेष राशि में हैं और सूर्य के साथ इस राशि में राहु, बुध और यूरेनस भी मौजूद हैं। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
यूं तो सूर्य और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना हैं लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य ग्रहण से अशुभ प्रभाव से मुक्ति के लिए राशि अनुसार कुछ उपाय और दान की चीजें बताई गई हैं। इन उपायों के करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी और दान करने से जीवन में सूर्य के समान तेज आएगा। साथ ही सभी ग्रहों का शुभ प्रभाव भी पड़ेगा। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण पर राशि अनुसार कौन से उपाय करने चाहिए...
मेष राशि
मेष राशि के स्वामी ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह हैं इसलिए सूर्य ग्रहण के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें और कुश के आसन पर बैठकर तुलसी माला से 'ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः:' मंत्र का जप करें। साथ ही ग्रहण के समय और बाद में गुड़, गेहूं, मसूर दाल, लाल वस्त्र आदि चीजों का दान करना उत्तम रहेगा। ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होंगी और ग्रहों का शुभ प्रभाव मिलेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और चंद्र देव वृषभ राशि में उच्च के होते हैं। ऐसे में ग्रहण के समय सफेद वस्त्र पहनकर श्री सूक्त का पाठ करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में सफेद चीजें जैसे - दही, दूध, शक्कर, सफेद कपड़े, कपूर, खीर आदि का दान अवश्य करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और धन धान्य की कभी कमी नहीं होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध हैं। ऐसे में कुश के आसान पर बैठकर इष्टदेवों का ध्यान करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में गाय को हरा चारा खिलाएं, हरी मूंग दाल, कांसे के बर्तन, हरी सब्जियां, हर कपड़े आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा और ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी दूर रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। ऐसे में ग्रहण के समय रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें और 'ॐ ह्रीं हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:' मंत्र का 108 बार जप करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में सफेद चीजें जैसे - मोती, सफेद कपड़े, शक्कर, चावल, दूध या दूध से बने मिष्ठान आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से जीवन में समृद्धि आएगी और मन में हमेशा शांति रहेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी ग्रहों के राजा सूर्य हैं। ऐसे में ग्रहण के समय कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें और 'ॐ क्लीं ब्राह्मणे जगदाधाराय नम:' मंत्र का जप करते रहें। साथ ही आज रात सोते समय 5 बादाम और 5 मूली सिरहाने रखकर सोएं और सुबह उठकर ग्रहण से पहले मंदिर में दान कर दें। ग्रहण के बाद गुड़, गेंहूं, तांबे के बर्तन, लाल व नारंगी कपड़े आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे और जीवन में सूर्य समान तेज आएगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के बुध ग्रह हैं। ऐसे में ग्रहण के समय कुश के आसन पर बैठकर तुलसी माला से 'ॐ पीं पिताम्बराय नम:' मंत्र का जप करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में हरी मूंग दाल, कांसे के बर्तन, गाय को हरा चारा खिलाएं, हरी सब्जियां, हर कपड़े, हरे फल आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होगी और शुभता बनी रहेगी।
तुला राशि
तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। सूर्य ग्रहण के समय 'ॐ तत्व निरंजनाय तारक रामाय नम:' मंत्र का जप करें और रामचरितमानस का पाठ करना उत्तम रहेगा। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में सफेद चीजें जैसे - खीर, दही, शक्कर, दूध, सफेद कपड़े, कपूर आदि का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी और अटके धन की प्राप्ति होगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं। सूर्य ग्रहण के समय 'ॐ नारायणाय सुरसिंहायै नम:' मंत्र का तुलसी माला से जप करें और महाभारत का पाठ करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में मेष राशि की तरह ही गेहूं, मसूर दाल, गुड़, लाल वस्त्र, फल आदि चीजों का दान करना शुभ रहेगा। ऐसा करने से ऊर्जावान महसूस करेंगे और जीवन में हर आगे रहेंगे।
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में ग्रहण के समय श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें और 'ॐ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वजाय नम:' मंत्र का तुलसी माला से जप करते रहें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में पीले रंग की चीजें जैसे - पीले फल, चना दाल, पीले कपड़े, बेसन, केसर, हल्दी, गुड़ आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से धन और वैभव में वृद्धि होगी और हर कार्य में सफलता मिलेगी।
मकर राशि
मकर राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं। ऐसे में ग्रहण के समय मकर राशि वाले सुंदरकांड का पाठ करें और 'ॐ श्रीं वत्सलाय नम:' मंत्र का जप करते रहें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में शनि से संबंधित चीजें जैसे - काला छाता, कंघा, काले या नीले तरड़े, सरसों का तेल, तिल, लोहे के बर्तन आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से हर समस्या दूर होती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं। ऐसे में ग्रहण के समय हनुमान चालीसा या शिव चालीसा का पाठ करें और 'ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम:' मंत्र का जप करते रहें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में शनि से संबंधित चीजें जैसे - लोहे के बर्तन, कपड़े, गरीब व जरूरतमंद की मदद, किसी को भोजन कराएं। ऐसा करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर रहता है और जीवन में शुभता बनी रहती है।
मीन राशि
मीन राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं। ऐसे में मीन राशि वाले ग्रहण के समय रामचरित मानस के अरण्य कांड का पाठ करें और 'ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:' मंत्र का जप करें। साथ ही ग्रहण के समय या बाद में कुत्ते को रोटी दें, पीले फल, पीले कपड़े, चना दाल, केसर, बेसन, हल्दी, गुड़ आदि चीजों का दान करना उत्तम रहेगा। ऐसा करने से जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होगी और नौकर व व्यापार में उन्नति होगी।
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