
ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 265 किमी दूर ताजिकिस्तान में था। यहां 18 मिनट के अंदर दो बार धरती कांपी। पहली बार इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.6 मापी गई, जबकि दूसरी बार भूकंप की तीव्रता पांच के ऊपर मापी गई।
भूकंप सुबह छह बजकर सात मिनट और छह बजकर 25 मिनट पर आया। पहले झटके का केंद्र जमीन से 113 किलोमीटर और दूसरे का 150 किलोमीटर गहराई में था। इसके अलावा ताजिकिस्तान में मुर्गोब से 67 किमी पश्चिम में भी 6.8 तीव्रता का भूकंप आया।
21 फरवरी को तुर्किये में गई थी छह जानें
इससे पहले 21 फरवरी को तुर्किये में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने बताया कि तुर्किये-सीरिया सीमा क्षेत्र में दो किमी (1.2 मील) की गहराई में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। तुर्किये के दक्षिणी हताय प्रांत में सोमवार को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र अंताक्या शहर था। तुर्किये के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू (Suleyman Soylu) ने बताया कि ताजा भूकंप में छह लोगों की मौत हुई है और 294 घायल हुए हैं।
छह फरवरी को भूकंप ने मचाई थी तबाही
तुर्किये और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इसके एक-दो दिन बाद भी कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 से ज्यादा हो गई है।
भारत ने चलाया था ‘ऑपरेशन दोस्त’
भारत ने तुर्किये-सीरिया की मदद के लिए बचाव दल भेजा था। दल बचाव अभियान पूरा कर वापस लौटी चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को उनसे मुलाकात भी की और बातचीत की। भारत ने तुर्किये और सीरिया में मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया था।
जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।
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