
यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिका में टकराव के बीच रूस का एसयू-27 लड़ाकू विमान मंगलवार को एक अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन रीपर से टकरा गया। टकराने के बाद वह ड्रोन काला सागर में गिर गया। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस ने अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन को मार गिराया है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।
अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस सैन्य ड्रोन के गिरने की घटना पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमने कड़ी आपत्ति जताने के लिए रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव को तलब किया है। प्राइस ने यह भी कहा कि रूस में अमेरिकी राजदूत लिन ट्रेसी ने भी रूसी विदेश मंत्रालय को एक कड़ा संदेश दिया है।
अमेरिकी वायुसेना के अधिकारी जनरल जेम्स हेकर ने कहा, हमारा एमक्यू-9 विमान अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के ऊपर नियमित उड़ान पर था। इस दौरान एक रूसी जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आ गया और टक्कर के बाद वह काला सागर में गिर गया। अधिकारी ने कहा कि मानवरहित ड्रोन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। काला सागर दरअसल वह क्षेत्र है, जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन से मिलती हैं। यूक्रेन को लेकर इस क्षेत्र में लंबे अरसे से तनाव बना हुआ है।
पेंटागन का बयान
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि दो रूसी Su-27 विमानों ने अमेरिकी वायुसेना के खुफिया, निगरानी और टोही मानवरहित MQ-9 ड्रोन का लापरवाह और अव्यवसायिक तरीके से पीछा किया, जो काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान पर था। उन्होंने कहा कि टक्कर से पहले कई बार Su-27 जेट MQ-9 के सामने से उड़े। यह घटना असुरक्षित और अव्यवसायिक होने के अलावा क्षमता की कमी को प्रदर्शित करती है।
रूस बोला- विमान से टकराने से पहले ही गिरा ड्रोन
उधर, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर गया। रूस ने दावा किया है कि अमेरिकी सैन्य ड्रोन रूसी सीमा पर तेजी से मंडरा रहा था और इस कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसके लड़ाकू विमान ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।
रूसी जेट और अमेरिकन MQ-9 रीपर ड्रोन आमने-सामने आए
वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रूसी फाइटर जेट ने अमेरिकी एयरफोर्स के ड्रोन को नीचे उतरने पर मजबूर किया। रूसी जेट और अमेरिकन MQ-9 रीपर ड्रोन के आमने-सामने आ जाने के बाद यह घटना हुई। बताया जा रहा है कि रूसी जेट ने अमेरिकी ड्रोन का प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया है। घटना उस वक्त हुई, जब अमेरिकी रीपर ड्रोन और रूस के दो फाइटर जेट SU-27 काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में चक्कर लगा रहे थे।
ड्रोन को काला सागर में उतारना पड़ा
मीडिया रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया कि रूस का एक जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आया। इसके बाद एयरक्राफ्ट से तेल का रिसाव शुरू हो गया। इस दौरान एक जेट ने ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रोपेलर ड्रोन के पीछे की ओर लगा था। इसके बाद अमेरिकी सेनाओं को ड्रोन को काला सागर में उतारने का फैसला किया।
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