
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
ईडी पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी घोटाले के सिलसिले में बनर्जी से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
डायमंड हार्बर से लोकसभा सांसद बनर्जी ने अपनी अपील में कहा है कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसी से उन्हें कुछ समय के लिए पूछताछ से दूर रखने का अनुरोध किया था, क्योंकि उन्हें अपने नेत्र रोग के इलाज के लिए विदेश जाना होगा। हालांकि ईडी के अधिकारियों ने उनके प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।
पता चला है कि ईडी को लिखे अपने पत्र में अभिषेक बनर्जी 3 से 10 जून तक जांच से दूर रहना चाहते थे।
संयोग से, तृणमूल नेता ने हाल ही में तब सुर्खियां बटोरीं थीं, जब उन्होंने कुछ जजों को पक्षपाती और कुछ ताकतों के इशारे पर काम करने वाला बताया था।
बनर्जी ने 28 मई को हल्दिया में एक जनसभा में कहा, मुझे यह कहते हुए बुरा लग रहा है कि न्यायपालिका के कुछ सदस्य दूसरों के इशारे पर और एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। वे छोटे-छोटे मामलों में सीबीआई के फैसले का आदेश दे रहे हैं। वे हत्या के मामलों पर स्टे (रोक) लगा रहे हैं। यह अकल्पनीय है।
30 मई को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया था कि उन्होंने बनर्जी की न्यायपालिका विरोधी टिप्पणियों पर राज्य के मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी को कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि बनर्जी का न्यायपालिका पर आरोप लगाना और उन्हें निशाना बनाना न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप है।
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