
सरकार ने डीजल और एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में इजाफा कर दिया है। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले लेवी को भी बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से शनिवार को इस बारे में अधिसूचना जारी की गई।
सरकार ने शनिवार को 16 अक्टूबर से डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर और जेट ईंधन के निर्यात पर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले शुल्क को भी 3,000 रुपये प्रति टन बढ़ाकर 11,000 रुपये कर दिया गया है।
बता दें कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए लगातार दो पखवाड़े कर की दरों को कम करने के बाद वित्त मंत्रालय ने अपनी नवीनतम समीक्षा में कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर निर्यात करों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार सातवें पखवाड़े की समीक्षा में सरकार ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को 6.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया है और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर फिर से 3.50 रुपये प्रति लीटर की दर से लेवी लगा दी गई है।
मनरेगा: 72 फीसदी राशि राज्यों को जारी की गई
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने 2022-23 के बजट में राज्यों को मनरेगा के लिए आवंटित कुल राशि का 72 फीसदी से अधिक रकम अब तक जारी कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि 2022-23 के केंद्रीय बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें से अब तक 52,833 करोड़ रुपये राज्यों को आवंटित किए जा चुके हैं।
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