
दशहरा पर्व के दिन रावण का पुतला तैयार करने में बरती गई लापरवाही के कारण नगर निगम धमतरी की किरकिरी हो रही है।
पतले-दुबले रावण के पुतले को लेकर सोशल मीडिया में नागरिक तीखी प्रक्रिया दे रहे हैं। इस मामले में एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नगर निगम धमतरी से प्राप्त जानकारी के अनुसार रावण का पुतला बनवाने के प्रभारी नगर निगम के सहायक ग्रेड तीन राजेन्द्र यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निगम के सहायक अभियंता विजय मेहरा, उप अभियंतात्रय लोमस देवांगन, कमलेश ठाकुर एवं कामता नागेन्द्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इस समय आयुक्त विनय कुमार पोयाम के अवकाश में रहने के कारण कार्यपालन अभियंता राजेश पदमवार आयुक्त के प्रभार पर है। शपदमवार ने कहा कि दशहरा उत्सव के दौरान पुतला तैयार करने में घोर लापरवाही बरती गई है।
इससे निगम की छवि धूमिल हुई है। इसलिए सहायक ग्रेड तीन राजेन्द्र यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके स्थान पर सामर्थ रणसिंह को प्रभार दिया गया है।
प्रतिवर्ष दशहरा के कार्यक्रम को लेकर नगर निगम की लोग प्रशंसा करते नहीं थकते थे, लेकिन इस बार नगर निगम के आयुक्त विनय कुमार पोयाम के अवकाश पर होने के कारण अधिकारी-कर्मचारी इतने लापरवाह हो गए कि निगम की किरकिरी हाे गई।
गुरुवार शाम रावण का पुतला जलाया गया तो धड़ चार मिनट में जल गया और सभी 10 सिर बचे रह गए। यह देखकर लोगों की हंसी छूट गई। रावण का पुतला सही ढंग से नहीं बनाया गया था। शाम साढ़े पांच बजे तक रावण के पुतला को रामलीला मैदान में कारीगर खड़े नहीं कर पाए थे।
शाम को जैसे-तैसे पुतला खड़े किया गया। देखने वाले, दुबले-पतले रावण और उसके फटे कपड़े को देखकर अचरज में पड़ गए। सोशल मीडिया में धमतरी के रावण पुतले और गांव के पुतलों की तुलना कर लोग फोटो भेजने लगे।
महापौर विजय देवांगन का कहना है कि पुतले के निर्माण की जिम्मेदारी जिसे दी गई थी, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। रावण निर्माण भुगतान रोका जाएगा।
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