
छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम-नान घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर नागरिक आपूर्ति निगम-नान घोटाले के जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री की चिट्ठी पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आखिर कब तक मुद्दों से पलट कर गुलाटी मारते रहोगे। जब भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही हो तब तो ईडी की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने लगते हो। आज उसी ईडी को पत्र लिखकर नान-चिटफंड की जांच का आग्रह कर रहे हो। कभी तो अपनी कथनी-करनी स्पष्ट रखिए। सत्य से इतना भय क्यों है?
मुख्यमंत्री बघेल ने मंगलवार को ट्वीट पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा है कि आज मैंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में वर्ष 2004 से 2015 के बीच हुए नान घोटाला की जांच ईडी द्वारा किए जाने की मांग की है। यदि 15 दिनों में ईडी द्वारा जांच में कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।
मुख्यमंत्री का कहना है कि 2004 से 2015 के बीच हुए इस घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कहने पर एसीबी के अधिकारियों ने आरोपितों को बचा लिया। आरोपियों के पास मिले दस्तावेजों में सीएम सर और सीएम मैडम को पैसा देने की बात दर्ज है, लेकिन उसको चार्जशीट में शामिल तक नहीं किया गया।इस मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रवर्तन निदेशालय को पहले भी एक पत्र लिख चुके हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल का हो उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने ईडी को पत्र में लिखा है कि, नान घोटाले में सीएम मैडम, सीएम सर सबके नाम आए हुए हैं।ईडी में पहले से ही जांच चल रही है। इसमें भ्रष्टाचार के स्पष्ट सबूत हैं। उस समय एसीबी के जांच अधिकारी ने मीडिया के सामने आकर कहा था कि पैसा उस डोमेन में गया है जहां हम जा नहीं सकते, जांच नहीं कर सकते।
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