
आने वाले दिनों में यमुनोत्री धाम की यात्रा न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि सुगम भी हो जाएगी। यमुनोत्री धाम से 50 किलोमीटर दूर एक डबल लेन सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत तैयार की जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किमी है।
इसमें से 3.1 किमी तक निर्माण पूरा कर लिया गया है। इस सुरंग के तैयार होने के बाद ऋषिकेश से यमुनोत्री की दूरी 26 किलोमीटर घट जाएगी। अभी यह दूरी 256 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण पर 853 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यमुनोत्री धाम के पास सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच बनने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी सुरंग के निर्माण का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के पास है।
एनएचआइडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि अभी ऋषिकेश से यमुनोत्री धाम की यात्रा में आठ घंटे लगते हैं, लेकिन इस सुरंग के बन जाने से यात्रा अवधि 45 मिनट कम हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पहले सुरंग निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब कुछ समय अतिरिक्त लग सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्च 2024 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। बताया कि जनवरी 2019 से इस डबल लेन सुरंग पर कार्य शुरू किया गया था।
दरअसल, यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए वाहनों को राडी टाप नामक पहाड़ी से गुजरना पड़ता है। यह पहाड़ी यमुनोत्री से 70 किलोमीटर दूर है। समुद्र तल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पहाड़ी शीतकाल में बर्फ से ढकी रहती है।
भारी बर्फबारी से यातायात भी बाधित रहता है। सुरंग के तैयार होने पर वाहनों को इस पहाड़ी से नहीं गुजरना पड़ेगा। इससे क्षेत्र की दो लाख की आबादी भी लाभान्वित होगी।
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