प्रिया रमानी के बरी होने के मामले पर 5 मई को सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर की याचिका पर पांच मई को सुनवाई करेगा। अकबर ने इस याचिका में आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।
याचिका पर गुरुवार को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के उपलब्ध नहीं होने से सुनवाई टल गई। अब इस मामले पर मई में सुनवाई होगी।
17 फरवरी को जिला अदालत ने रमानी को बरी कर दिया था।
एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने उन्हें बरी करते हुए कहा था, "महिलाओं को अपनी पसंद के किसी भी मंच पर दशकों तक उसके बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है।"
अदालत ने आगे कहा था कि प्रतिष्ठा का अधिकार गरिमा के अधिकार की कीमत पर संरक्षित नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने कहा था, "बदनामी की शिकायत के बहाने महिलाओं को यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता है।"
2018 में हैशटैग मी टू अभियान के साथ रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया और केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। ट्रायल 2019 में शुरू हुआ और लगभग दो साल तक चला।
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