Google पर Adtech प्रैक्टिस को लेकर 25.4 बिलियन डॉलर का मुकदमा दायर, जानें क्यों?

गूगल की एडटेक नीतियों की यूरोपीय संघ और यूके पहले से जांच कर रहे हैं। पिछले साल फ्रांस के प्रतिस्पर्धा आयोग ने मोबाइल एप और वेबसाइटों पर विज्ञापन के लिए गूगल को एड-सर्वरों के एकाधिकार के दुरुपयोग का दोषी माना था।
Google पर Adtech प्रैक्टिस को लेकर 25.4 बिलियन डॉलर का मुकदमा दायर, जानें क्यों?

ऑनलाइन विज्ञापनों के लिए गूगल के माध्यम एडटेक (एडवरटाइजर टेक्नोलॉजी) से प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड में दो मुकदमे दायर हुए हैं। इनमें 2,540 करोड़ डॉलर यानी करीब दो लाख करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का दावा किया गया है। दोनों देशों के प्रकाशकों के अनुसार गूगल द्वारा एकाधिकार के दुरुपयोग और गलत नीतियों की वजह से उन्हें विज्ञापनों से होने वाली आय में भारी नुकसान हुआ।

गूगल की एडटेक नीतियों की यूरोपीय संघ और यूके पहले से जांच कर रहे हैं। पिछले साल फ्रांस के प्रतिस्पर्धा आयोग ने मोबाइल एप और वेबसाइटों पर विज्ञापन के लिए गूगल को एड-सर्वरों के एकाधिकार के दुरुपयोग का दोषी माना था। उस पर करीब 1,700 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस जुर्माने की वजह बने तथ्यों का गूगल ने विरोध नहीं किया। इस केस में शिकायतकर्ताओं की ओर से लड़ने वाली लॉ फर्म जेराडिन पार्टनर्स ने ही अब दोनों ताजा मुकदमों को लिया है। नीदरलैंड में दायर मुकदमे में पूरे यूरोपीय संघ के प्रकाशक साथ आए हैं। वहीं गूगल ने इन मुकदमों को काल्पनिक धारणा पर आधारित और अवसरवादिता बताया। उसने कहा कि गूगल एडटेक ने अहम विज्ञापन प्लेटफॉर्म के रूप में सेवाएं दी, लाखों वेबसाइट्स व एप्स को बढ़ाने में सहायता की। वह पूरी ताकत से यह मुकदमे लड़ेगा।

2014 से जारी गलत नीतियां
लॉ फर्म का आरोप है कि गूगल ने प्रकाशकों के एड-सर्वर और एड-एक्सचेंज का दुरुपयोग किया। यह काम वह 2014 से कर रहा है। इस प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधि से प्रकाशकों को भारी नुकसान हुआ। खासतौर पर स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार मीडिया ने यह नुकसान सहा, जो हमारे समाज में अहम भूमिका निभाते हैं। अब समय आ गया है कि गूगल अपनी गलतियों की जिम्मेदारी स्वीकार कर क्षतिपूर्ति चुकाए।

क्या है एडटेक?
गूगल के अनुसार एडटेक डिजिटल विज्ञापन खरीदने-बेचने, मैनेज करने और उन्हें कई मानकों पर मापने में मदद करता है। यह एक जटिल अल्गोरिथम उपयोग करता है। उसका दावा है कि इससे विज्ञापनदाता सीधे ग्राहक तक पहुंचते हैं, वेबसाइट्स पर ‘इंप्रेशन’ खरीदते और ऑडियंस चुनते हैं। इंप्रेशन यानी विज्ञापन कितने लोगों ने देखा, क्लिक किया। जानकारों का मानना है कि गूगल एडटेक से विज्ञापनों को पूर्णत: नियंत्रित करता है, जो प्रतिस्पर्धा के नियमों के खिलाफ है।

टेक कंपनियों पर कॉपीराइट के मामले

  • फ्रांस में प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर करोड़ों के जुर्माने लगाए क्योंकि उसने प्रकाशकों से उनके कंटेंट के स्निपेट उपयोग के बदले कॉपीराइट फीस का भुगतान नहीं किया।

  • यूरोप में उत्पादों की कीमतों के तुलनात्मक विश्लेषण की सेवा दे रही ‘प्राइस रनर’ ने गूगल पर हजारों करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया। आरोप है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा मामले में आदेश का अनुपालन न करके नुकसान पहुंचाया।

  • 2019 में गूगल के एडटेक की आयरलैंड के डाटा प्रोटेक्शन आयोग ने जांच शुरू की, यहां निजी डाटा की चोरी और दुरुपयोग के आरोपों की जांच हो रही है।

  • मेटा पर यूके में यूजर्स ने क्षतिपूर्ति के लिए मुकदमा किया है। आरोप है कि मेटा ने फेसबुक उपयोग करने देने के बदले उनसे अनुचित शर्तें मनवाई, निजी डाटा हासिल किया।

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