
सरकार ने अब कुत्ता पालने के नियमों को और सख्त कर दिया है। नियमों को न मानने वाले मालिकों का कुत्ता जब्त करने के साथ ही कुत्ते के व्यवहार के लिए मालिक को ही जिम्मेदार माना जाएगा।
वहीं मालिक को कुत्ते के कारण किसी को भी कोई परेशानी न होने देने संबंधी शपथ पत्र भी देना होगा। शपथ पत्र में कुत्ते बाहर ले जाते समय जंजीर से बांधकर रखने का भी जिक्र करना होगा।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने सभी निकायों को कुत्तों के पंजीकरण से संबंधित नई आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। जिसमें सार्वजनिक स्थल पर नित्यक्रिया करने पर उसकी सफाई के लिए मालिक को ही जिम्मेदार बनाया गया है। साथ ही प्रतिवर्ष टीकाकरण एवं एक वर्ष की आयु हो जाने पर उसकी नसबंदी भी करवाना होगा।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में कुत्तों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने सख्ती करने के लिए नियम बनाए हैं। नए नियम के मुताबिक पालतू कुत्ते का लाइसेंस एक वर्ष के लिए ही मिलेगा। लाइसेंस वैध रहने के दौरान यदि कुत्ते की एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की वैधता खत्म हो जाती है तो लाइसेंस अपने आप निरस्त माना जाएगा।
इसी प्रकार देशी कुत्तों को पालने वालों का पंजीकरण बिना किसी शुल्क के किया जाएगा। इसके साथ-साथ नसबंदी और पहला टीकाकरण किया जाएगा। पांच या अधिक निराश्रित कुत्तों को रखने वाले व्यक्तियों और निवासी समूहों को आश्रय गृहों के समान माना जाएगा और पशु कल्याण बोर्ड आफ इंडिया द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
पालतू कुत्तों का पंजीकरण करने वाले नगरीय निकाय को कुत्ते के मालिक को एक टोकन भी देना होगा। इसमें कुत्ते का पंजीकरण नंबर, मालिक का नाम, पता और संपर्क नंबर भी होगा। कुत्ते को टहलाने या अन्य दिनचर्या के लिए बाहर ले जाने पर कालर के साथ टोकन लगानी होगी।
अगर कुत्ता सड़क पर या घर से बाहर किसी सार्वजनिक स्थान पर बिना टोकन के पाया जाता है, तो नगर निकाय के कर्मचारी ऐसे कुत्तों को जब्त कर लेंगे।
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