
गुजरात में अब गणेश चतुर्थी के आगामी उत्सव के दौरान सार्वजनिक स्थलों या घरों में स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश की प्रतिमाओं की ऊंचाई की कोई अधिकतम सीमा लागू नहीं रहेगी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को यह फैसला लिया है।
सरकार ने राज्य में लोगों द्वारा श्रद्धा-उल्लासपूर्वक मनाए जाने वाले गणेश चतुर्थी उत्सव के संदर्भ में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। राज्य में सार्वजनिक गणेश मंडलों द्वारा बड़ी संख्या में सार्वजनिक गणेश स्थापना की जाती है और अनेक लोग-परिवार घरों में भी व्यक्तिगत रूप से गणेश स्थापना करते हैं।
वर्ष 2021 में गणेशोत्सव के दौरान कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखकर सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई की अधिकतम सीमा 4 फुट तथा घरों में स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई की अधिकतम सीमा दो फुट निर्धारित की गई थी।
कोविड-19 संबंधित तमाम प्रतिबंद 31 मार्च के बाद से लागू नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री ने फैसला लिया है कि गुजरात में अब गणेश चतुर्थी के आगामी उत्सव के दौरान सार्वजनिक स्थलों या घरों में स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई की कोई अधिकतम सीमा लागू नहीं रहेगी। यद्यपि गणेशजी की मूर्ति बनाने तथा उसके विसर्जन से संबंधी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लागू किए गए मार्गदर्शक सुझावों का क्रियान्वयन बनाए रखा गया है।
बता दें कि, हर साल की तरह इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 31 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। देशभर में गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है। बप्पा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गणपति बप्पा को इस दिन अपने घर में लाकर विराजमान करने से वे अपने भक्तों के समस्तम विध्न और बाधाएं दूर करते हैं। विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना शुभ मुहूर्त के हिसाब से की जाती है।
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