
दुनिया का हर बंधन प्यार से बना होता है, अगर प्यार न हो, तो जिन्दगी में खुशियाँ नहीं हो सकती, वैसे प्यार का इज़हार कभी वक्त या मुहूर्त देखकर नहीं किया जाता, प्यार बिन बोले ही बयाँ हो जाता है, प्यार अहसास का एक ऐसा समुंदर है, जिसमे अगर तूफ़ान भी आये, तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। प्यार त्याग, विश्वास की एक ऐसी डोर है, जिसे बस महसूस कर सकते है, जिसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं।
ऐसे ही प्यारे अहसास को जब एक त्यौहार (Valentine’s Day) के रूप में मनाया जाता है, तब वह दिन एक यादगार दिन बन जाता है। जीवन में जब सब कुछ प्यार ही है, तो इस अनमोल अहसास को वक्त देना भी बहुत जरुरी है और वक्त शायद इस भाग दौड़ की दुनिया में कही खो गया है, वक्त एक ऐसा पंछी है, जो अगर हाथ से निकल गया, तो वापस नहीं आता और जिन्दगी में वक्त सुन्दर यादों में ही कैद हो पाता है।
दीवाली, राखी, क्रिसमस, होली जैसे सारे त्यौहार जब भी मनाये जाते है, उनसे अपनों के बीच प्यार और भी गहरा हो जाता है, प्यार को वैसे किसी विशेष दिन की जरुरत नहीं, पर वक्त की तेज रफ्तार में कही न कही इसकी जरुरत आ गई है , ऐसे ही प्यार से भरा खुशनुमा त्यौहार है वैलेंटाइन डे ।
वैलेंटाइन डे के दिन सब अपने प्यार के लिए वक्त निकालते है, प्यार का इज़हार करते है, कीमती वक्त में से जीवन के सबसे कीमती उपहार, जो आपको उपर वाले ने दिया, उसको मानते है। सब इस दिन के लिए प्लान बनाते है और वैलेंटाइन डे केवल एक दिन नहीं, बल्कि पूरे हफ्ते मनाया जाता है।
हर एक त्यौहार की एक कहानी होती है, कुछ कारण होते है। वैलेंटाइन डे के भी है:
वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है
“ वैलेंटाइन किसी दिन का नाम नहीं है, यह नाम है एक पादरी (Priest) का, जो कि रोम में रहता था, उस वक्त रोम पर Claudius का शासन था, जिसकी इच्छा थी, कि वह एक शक्तिशाली शासक बने, जिसके लिए उसे एक बहुत बड़ी सेना बनानी थी, लेकिन उसने देखा कि रोम के वो लोग जिनका परिवार है, जिनके बीवी और बच्चे है, वो सेना में नहीं जाना चाहते, तब उस शासक ने एक नियम बनाया, जिसके अनुसार उसने भविष्य में होने वाली सभी शादी पर प्रतिबन्ध लगवा दिया।
यह बात किसी को ठीक नहीं लगी, पर उस शासक के सामने कोई कुछ नहीं कह पाया। यह बात पादरी वैलेंटाइन को भी ठीक नहीं लगी। एक दिन एक जोड़ा आया, जिसने शादी करने की इच्छा ज़ाहिर की, तब पादरी वैलेंटाइन ने उनकी शादी चुपचाप एक कमरे में करवाई। लेकिन उस शासक को पता चल गया और उसने पादरी वैलेंटाइन को कैद कर लिया और उसे मौत की सजा सुनाई गई।
जब पादरी वैलेंटाइन जेल में बंद था, तब सभी लोग उससे मिलने आते थे, उसे गुलाब और गिफ्ट देते थे, वह सभी बताना चाहते थे, कि वह सभी प्यार में विश्वास करते है, पर जिस दिन उनको मौत की सजा दी, वह दिन 14 फरवरी 269 A.D. था, मरने से पहले पादरी वैलेंटाइन ने एक खत लिखा, जो कि प्यार करने वालो के नाम था।
वैलेंटाइन प्यार करने वालों के लिए ख़ुशी ख़ुशी कुर्बान हुआ है और प्यार को जिन्दा रखने की गुहार करता है, इसलिए उस दिन से आज तक 14 फरवरी को वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन डे के नाम से मनाये किया जाता है।”
वैलेंटाइन डे जैसे एक अनोखा त्यौहार है, वैसे ही इसे मनाया भी अनोखे तरीके से जाता है।
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