ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी मान्या सिंह ने हासिल किया मिस इंडिया रनर अप का खिताब
VLCC फेमिना मिस इंडिया 2020 रनर अप का खिताब जीतने वाली मान्या सिंह, ओमप्रकाश सिंह ने अपनी जिंदगी की यह प्रेरणादायक कहानी साझा की है। उनके पिताजी भी एक ऑटो ड्राइवर रहे। पुराने दिनों को याद करते हुए मान्या सिंह बताती हैं कि उन्हें कई रातें बिना भोजन किए और बिना नींद के गुजारनीं पड़ीं।

भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जन्मीं मान्या ओमप्रकाश सिंह एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी हैं। मान्या का बचपन आसान नहीं था। उन्होंने इस बारे में अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है। इस पोस्ट में उनके परिवार की कई तस्वीरें भी उन्होंने साझा की हैं।
इन तस्वीरों के साथ उन्होंने एक लम्बा प्रेरणादायी नोट लिखा है। इसमें उन्होंने अपनी मां के बारे में बताया है कि किस तरह मान्या की पढ़ाई पूरी कराने के लिए उन्हें अपने गहने गिरवी रखने पड़े।

कैसे उन्हें सिर्फ अपने अस्तित्व बनाए रखने के घर छोड़कर तरह-तरह की नौकरियां करनी पड़ीं।
मान्या ने कैप्शन में लिखा है, ' कई बार ऐसे भी गुजारा हआ जब मुझे पूरी रात बिना खाने और नींद के गुजारनी पड़ीं। कई दुपहरिया मीलों पैदल चलना पड़ा था।'

अपनी जिंदगी के संघर्ष के बारे में बात करते हुए मान्या ने कहा, 'मेरा खून, पसीना और आंसू मेरी आत्मा के लिए खाना बने और मैंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई। मैंने कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर दिया था। जो भी कपड़े मेरे पास थे, दूसरों के दिए हुए थे। मुझे किताबें चाहिए थीं लेकिन किस्मत मेरे हक में नहीं थी।'
मान्या ने बताया, 'बाद में मेरे मां-बाप ने जो भी जेवर हमारे पास थे, उन्हें बेचकर मुझे पढ़ाया।' मान्या ने कहा,'मेरी मां ने मेरे लिए बहुत कुछ सहा है। अपनी प्रेरणादायक जर्नी को शेयर करते हुए मान्या सिंह ने कहा, '14 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर भाग गई थी। मैं दिन में किसी तरह पढ़ती थी। शाम को बर्तन धोने जाती थी। रात को कॉल सेंटर में काम करती थी

मैं रिक्शे के पैसे बचाने के लिए घंटों पैदल चली हूं।' मान्या ने आगे कहा, 'मैंने अपने पिता, मां और भाई की स्थिति ठीक करने के लिए बहुत कुछ किया है और आज मैं यहां हूं, दुनिया को दिखाने के लिए कि आप ठान लो तो कुछ भी कर सकते हो, बस खुद पर विश्वास और मेहनत करने की इच्छा होनी चाहिए।
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