
भारत सरकार ने पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) और इसके सभी समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि गैरकानूनी गतिविधिय (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत यह कार्रवाई की गई।
वहीं, गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले अरबाज अहमद मीर को आतंकवादी घोषित किया गया है, जो वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता है।
PAFF वर्ष 2019 में प्रतिबंधित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन के रूप में उभरा। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पीएएफएफ लंबे समय से भारतीय सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और जम्मू-कश्मीर में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर धमकी देता रहा है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएएफएफ अन्य संगठनों के साथ जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य प्रमुख शहरों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए सक्रिय रूप से साजिश रचने में शामिल है और इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहा है। बयान में कहा गया है कि पीएएफएफ अन्य आतंकी संगठनों के साथ मिलकर भर्ती के उद्देश्य से युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है और उन्हें बंदूक, गोला-बारूद और विस्फोटकों के संबंध में प्रशिक्षण दे रहा है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और इसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है और इसमें भाग लिया है।
PAFF एक आतंकवादी संगठन है और यह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा है। PAFF ने बीते साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें चार सैनिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
पीएएफएफ का अलकायदा से संबंध
पीएएफएफ आतंकी समूह अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से भी प्रेरित है और इसका झुकाव वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा की तरफ है। PAFF ने कश्मीर में जी-20 बैठक का आयोजन करने के खिलाफ धमकी भी दी थी।
इससे पहले, गुरुवार (पांच जनवरी) को भारत सरकार ने आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर प्रतिबंध लगाया था। टीआरएफ पाकिस्तान आधारित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा समूह है। यह जम्मू-कश्मीर में कई लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने TRF के कमांडर शेख सज्जाद गुल को भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया है। साथ ही लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबु खुबैब को आतंकवादी घोषित किया गया। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, अबु खुबैब जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में वह पाकिस्तान में रह रहा है। खुबैब लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में कार्य कर रहा है और उसका पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ गहरा संबंध है।
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