सरकार और किसानों की वार्ता रही बेनतीजा, 8 जनवरी को होगी अगली मीटिंग
कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच आज (4 जनवरी) की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है। हालांकि, किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर कायम हैं। अब अगली बैठक 8 जनवरी को होगी। बैठक खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने सरकार का दिया संशोधन फाड़ दिया। आज की बातचीत में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने विभिन्न किसान संगठनों के 41 नेताओं के साथ बातचीत की। दोपहर में शुरू हुई बैठक के खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''हमारी मांगों पर बातचीत हुई। कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं। कोई तनातनी नहीं है। हमने साफ कर दिया है कानून वापसी के बिना कुछ भी मंजूर नहीं है। 8 जनवरी को फिर से बात होगी। हमने सरकार का संशोधन फाड़ दिया।''
दोनों पक्षों के बीच एक घंटे की बातचीत में अनाज की खरीद से जुड़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली को कानून मान्यता देने के किसानों की महत्वपूर्ण मांग पर चर्चा नहीं हुई है। किसान संगठन के प्रतिनिधि अपने लिए खुद भोजन लेकर आए थे जो लंगर के रूप में था। हालांकि, 30 दिसंबर की तरह आज केंद्रीय नेता लंगर के भोजन में शामिल नहीं हुए और भोजनावकाश के दौरान अलग से चर्चा करते रहे।
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