Khargone Violence: दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान, कहा- एक नहीं एक लाख केस कर दो, डरने वाला नहीं हूं

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बिहार के एक फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट किया था। फिर उसे डिलीट कर दिया। फोटो में एक युवक धार्मिक स्थल पर भगवा झंडा लगा रहा था।
Khargone Violence: दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान, कहा- एक नहीं एक लाख केस कर दो, डरने वाला नहीं हूं

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भोपाल समेत पांच शहरों में धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप पर उनके खिलाफ केस दर्ज होने पर बड़ा बयान दिया है। दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने पर मुझ पर एक नहीं एक लाख मामले दर्ज कर लो, मुझे कोई चिंता नहीं है। मुझे किसी का डर नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बिहार के एक फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट किया था। फिर उसे डिलीट कर दिया। फोटो में एक युवक धार्मिक स्थल पर भगवा झंडा लगा रहा था। इस मामले में दिग्विजय के खिलाफ भोपाल में कूटरचित दस्तावेज से धार्मिंक उन्माद फैलाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ। इसके बाद ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम में भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। इस पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने पर कितने ही मामले दर्ज हो जाए, मुझे फर्क नहीं पड़ता। वह फोटो खरगोन का नहीं था, इस वजह से मैंने ट्वीट डिलीट कर दिया। पूरे देश में बीजेपी का एजेंडा चल रहा है। मेरे खिलाफ भी चले तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।

खरगोन दंगे पर प्रश्न यथावत रहेंगे
दिग्विजय सिंह ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई दी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे परिचित ने अनेक चित्र और वीडियो भेजे थे। उसमें यह चित्र भी भेजा था। मैंने अपने ट्वीट में इस आधार पर किसी भी धार्मिक स्थल पर हथियार लेकर झंडा लगाने के औचित्य पर प्रश्न किया था। उसके बाद बीजेपी की शिकायत पर मेरे खिलाफ तमाम धाराओं में केस दर्ज हुए। हालांकि, इस चित्र के बारे में मुझे जैसे ही जानकारी मिली कि यह बिहार के मुजफ्फरपुर का है, मैंने तत्काल ट्वीट ही डिलीट कर दिया। इसके बाद खरगोन दंगे पर मेरे प्रश्न यथावत रहेंगे।

क्या प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया है
दिग्विजय सिंह ने प्रश्न किया कि क्या इस देश में अब प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया है? विपक्ष के नेता के रूप में क्या हम अपने देश/ प्रदेश की जनता के एक वर्ग के खिलाफ बन रहे ऐसे माहौल पर सवाल नहीं कर सकते? क्या बगैर नोटिस और बगैर जांच-परख के अपने विरोधियों पर बुलडोजर हमला न्यायसंगत है? क्या लोकतंत्र अब एकतरफा राजनीतिक विचार से ही चलेगा?

जयवर्धन ने किया पिता का बचाव
दिग्विजय सिंह के गलत ट्वीट को लेकर एफआईआर होने पर पूर्व मंत्री और उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी को जैसे ही पता चला कि यह गलत जानकारी है। उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। बात यही खत्म हो गई। लेकिन पता नहीं भाजपा सरकार को उनसे क्या परेशानी है?

दिग्विजय सिंह ने शिवराज के खिलाफ लिखा था पत्र
भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने पर उन्होंने भी पटलवार कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने भोपाल पुलिस कमिश्नर को शिकायत की। इसमें उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदसौर में दिए भाषण की फेब्रिकेटेड वीडियो ट्वीट कर साइबर अपराध करने और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया। कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती। अपराध सामान्य नागरिक करें या मुख्यमंत्री, मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

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