
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल के अपने आखिरी मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि देश आज अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि नए साल को बेहतर बनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट आ चुका है। इसका अध्ययन हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये जनशक्ति की ही ताकत और सबका प्रयास है कि 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी से भारत लड़ सका।
उन्होंने कहा कि स्वयं की सजगता और अनुशासन कोरोना के इस वेरिएंट के खिलाफ बहुत बड़ी शक्ति है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी, इसी दायित्वबोध के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है। उन्होंने कहा कि इस समय आप 2021 की विदाई और 2022 के स्वागत की तैयारी में जुटे ही होंगे। नए साल पर हर व्यक्ति, हर संस्था, आने वाले साल में कुछ और बेहतर करने, बेहतर बनने के संकल्प लेते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम हर मुश्किल समय मे एक दूसरे के साथ, एक परिवार की तरह खड़े रहे। अपने मोहल्ले या शहर में किसी की मदद करना हो, जिससे जो बना, उससे ज्यादा करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन की 140 करोड़ डोज के पड़ाव को पार करना प्रत्येक भारतवासी की अपनी उपलब्धि है। ये प्रत्येख भारत का, व्यवस्था पर भरोसा दिखाता है। विज्ञान पर भरोसा दिखाता है और समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभा रहे, हम भारतीयों को इच्छाशक्ति का प्रमाण भी है।
'छात्रों से परीक्षा पर चर्चा करने का कर रहा हूं विचार'
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भी परीक्षाओं से पहले मैं छात्रों के साथ चर्चा की प्लानिंग कर रहा हूं। इस कार्यक्रम के लिए दो दिन बाद 28 दिसंबर से माय गोव डॉट इन पर रजिस्ट्रेशन भी शुरू होने जा रहा है। ये रजिस्ट्रेशन 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक चलेगा। इसके लिए क्लास 9 से 12 तक के लिए स्टूडेंट्स, टीचर्स, और पैरेंट्स के लिए ऑनलाइन कंपीटिशन भी आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि आप सब इसमें जरूर हिस्सा लें।
पीएम मोदी ने किया ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में तमिलनानडु हेलिकॉप्टर हादसे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं। हमें बहुत कुछ सिखात हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का। उन्होंने कहा कि वरुण सिंह उस हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में हमने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए।
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