
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सूरत में 3400 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का रिमोट का बटन दबाकर शिलान्यास और लोकार्पण किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात का सूरत शहर जनभागीदारी और एकजुटता का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत के लोग यहां रहते हैं, सही मायने में यह एक छोटा भारत है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में चल रहे नवरात्रि समारोहों के दौरान बुनियादी ढांचे, खेल और आध्यात्मिक स्थलों की आधारशिला रखना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, “सूरत शहर ''जनभागीदारी'' और एकजुटता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
पूरे भारत के लोग सूरत में रहते हैं, यह एक छोटा भारत है। सूरत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है।” उन्होंने आगे कहा कि यह शहर जीवन में प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदी के शुरुआती दशकों में जब दुनिया में 3-पी यानि सरकारी निजी कंपनी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप) की चर्चा होती थी, तब मैं कहता था कि सूरत 4-पी का उदाहरण यानि पीपल, पब्लिक, प्राइवेट पार्टनर्शिप यही मॉडल सूरत को विशेष बनाता है।
केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजर सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तो घर बनाने में भी तेजी आई है और सूरत के गरीबों, मध्यम वर्ग को दूसरी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में सरकार ने सूरत में गरीबों के लिए लगभग 80,000 घर बनाए, उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाया।
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ गरीब मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। इसमें से 32 लाख से अधिक मरीज गुजरात के हैं और लगभग 1.25 लाख सूरत से हैं।
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