Srilanka Crisis: श्रीलंका की बदहाली पर बोले संजय राउत- इससे भी ज्यादा खराब हो सकते हैं भारत के हालात

गौरतलब है कि पड़ोसी देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। उसके पास डीजल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।
Srilanka Crisis: श्रीलंका की बदहाली पर बोले संजय राउत- इससे भी ज्यादा खराब हो सकते हैं भारत के हालात

श्रीलंका के आर्थिक संकट पर चिंता जताते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारत को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत भी उसी मोड़ पर है, श्रीलंका से भी ज्यादा खराब स्थिति हो सकती है। उन्होंने ममता बनर्जी के पीएम मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग का समर्थन किया है।

गौरतलब है कि पड़ोसी देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। उसके पास डीजल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

संजय राउत ने कहा, 'श्रीलंका की परिस्थिति बहुत चिंताजनक है। भारत भी उसी मोड़ पर है। हमें इस परिस्थिति को संभालना होगा नहीं तो श्रीलंका से भी ज्यादा खराब स्थिति हमारी हो सकती है। ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही है।'

इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी कहा था कि भारत की आर्थिक स्थिति श्रीलंका से भी ज्यादा खराब है। उन्होंने इस परेशानी पर चर्चा करने के लिए केंद्र से सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की। ममता ने कहा, 'मेरा मानना है कि केंद्र को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल और जबरन लोकतंत्र को नियंत्रित करने के बजाय समाधान खोजना चाहिए कि इस संकट से कैसे पार हो पाएंगे।'

ममता बनर्जी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी पर केंद्र से सवाल किए। उन्होंने कहा, 'भारत की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। श्रीलंका में लोग विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। भारत के आर्थिक हालात भी बदतर हैं।'

चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में सबकुछ फ्री (freebies) देने की होड़ मची रहती है और इस कारण देश के कई राज्य बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। देश के कई शीर्ष नौकरशाहों ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक दलों की फ्री योजनाओं के कारण कई राज्य बदहाली के कगार में पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर इस प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगी तो ये राज्य श्रीलंका और यूनान की तरह कंगाल हो जाएंगे।

अधिकारियों का कहना है कि पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सरकारों ने जो लोकलुभावन घोषणाएं की हैं, उन्हें लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता है। इसका समाधान निकालने की जरूरत है। उनका कहना है कि लोकलुभावन घोषणाओं और राज्यों की राजकोषीय स्थिति के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इन राज्यों का श्रीलंका या यूनान जैसा हाल हो सकता है।

श्रीलंका की बदहाल की वजह क्या?
पड़ोसी देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया है। 13-13 घंटे बिजली गुल रहती है, अस्पतालों का कामकाज रुक गया है और देश पर मोटा कर्ज चढ़ चुका है। लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं। देश में इस बदहाली के कई कारण हैं। जब 2019 में मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी तब सभी को खुश करने के लिए उसने सभी लोगों के टैक्स आधे कर दिए थे। इससे हालात खराब होने लगे और श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। उसके पास डीजल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

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