दोस्तों से लगी 5 किलो बादाम और 5100 रुपये की शर्त, युवक अपने गाँव से दौड़ कर पहुंचा गाजीपुर बॉर्डर

दोस्तों से लगी 5 किलो बादाम और 5100 रुपये की शर्त, युवक अपने गाँव से दौड़ कर पहुंचा गाजीपुर बॉर्डर

दरअसल मोनू की गांव में अन्य लड़को से शर्त लग गई, जिसके कारण उसने रविवार को सुबह 11 बजे से दौड़ना शुरू किया और शाम 4 बजे बॉर्डर पहुंचा, हालांकि लगातार दौड़ने से मोनू की तबीयत खराब हो गई।

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है, ऐसे में एक युवक किसानों के समर्थन में अपने गांव से दौड़कर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा हैं।

हालांकि इसके लिए उसके दोस्तों ने 5 किलो बादाम और 5100 रुपये की शर्त लगाई थी। बागपत के सिखेड़ा गांव के रहने वाले मोनू डागर ने आईएएनएस को बताया, "गांव में 5 किलो बादाम और 5100 रुपये में शर्त लगी थी कि बागपत के सिखेड़ा गांव से दौड़ कर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचना है।"

सिखेड़ा गांव से गाजीपुर बॉर्डर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है।

मोनू ने कहा, "किसानों के समर्थन में ये शर्त लगी थी जिसके लिए यहां दौड़ कर आया हूं, मैं शर्त जीत चुका हूं और इसके बाद में राकेश टिकैत से मुलाकात करूंगा।"

दरअसल मोनू की गांव में अन्य लड़को से शर्त लग गई, जिसके कारण उसने रविवार को सुबह 11 बजे से दौड़ना शुरू किया और शाम 4 बजे बॉर्डर पहुंचा, हालांकि लगातार दौड़ने से मोनू की तबीयत खराब हो गई।

मोनू जैसे ही बॉर्डर पहुंचा उसे तुरंत बॉर्डर स्थित एक मेडीकल कैम्प में ले जाया गया और आराम करने की जगह दी गई।

किसानों के समर्थन में मोनू के साथ उसके दोस्त भी आए है और उन्होंने भी दौड़ लगाई, लेकिन बीच-बीच में वह गाड़ियों पर बैठते रहे।

मोनू के साथ आए उनके दोस्त आकाश ने आईएएनएस को बताया, "मोनू शूरू से दौड़ते रहे हैं, तो गांव में ही ऐसे ही बातें चल रही थी कि जो गांव में दौड़ कर जाएगा उसे इनाम दिया जाएगा।"

आकाश ने कहा, "मोनू ने सुबह 11 बजे से दौड़ना शूरू किया, हालांकि उसका हौसला बढ़ाने के लिए इसके कुछ साथी भी दौड़ते रहे।"

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