International Women's Day: आज है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, जानें 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है

हम ये मान सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक सेंटर प्वाइंट भी है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है.
International Women's Day: आज है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, जानें 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. आधी आबादी के सम्मान में इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है.

हम ये मान सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक सेंटर प्वाइंट भी है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है. इसके अलावा महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.

हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस किसी न किसी थीम पर आधारित होता है और इस की थीम है ‘Gender equality today for a sustainable tomorrow’ यानी ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता जरूरी’. इस बार की थीम में लैंगिक समानता के ऊपर जोर दिया गया है.

साल 2021 में इंटरनेशनल वुमेन्स डे का थीम “नेतृत्व में महिलाएं: एक COVID-19 दुनिया में एक समान भविष्य प्राप्त करना” था. इसमें हेल्थ केयर वर्कर्स के रूप में दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया.

पिछले कुछ समय से दुनियाभर में लैंगिक समानता को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं. लोग इस विषय पर काफी सचेत हो गए है. आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास के बारे में और क्या है इसका महत्व.

युनाइटेड नेशन्स (United Nations) ने 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी लेकिन उससे पहले साल 1909 में ही इसे मनाने की कवायद की जा चुकी थी. दरअसल साल 1909 में अमेरिका में पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया था.

सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया था. वहीं रूसी महिलाओं ने पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया था.

रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की. हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई. यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया. यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं.

महिलाओं को सम्मान और प्यार देने को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों को ध्यान में रखकर ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.

महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है.

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