
विधायक खरीद फरोख्त मामले को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (तेरास) के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि लोकतंत्र में किसी के अधिकारों का हनन करना, छीनना लोकतंत्र को कुचलने, हत्या करने के समान है। यदि रक्षक ही भक्षक बनने लगे तो परिणामों की कल्पना की जा सकती है।
केसीआर अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक खरीद फरोख्त मामले में उनके पास तीन घंटे का वीडियो फुटेज है, जिसमें यह संकेत मिले हैं कि विधायकों की खरीदी में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह, भाजपा के महामंत्री बीएल संतोष और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के इशारे पर ऐसा किया गया।
उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा का प्लान टीआरएस के विधायकों को मुनुगोडु में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा के दौरान मंच पर पेशकर चुनाव में लाभ लेने का था, जिसे टीआरएस ने विफल कर दिया।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की वीडियो फुटेज को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत करते हुए कहा है कि उनके पास तीन घंटे की वीडियो फुटेज और 70,000 पन्ने वाली सामग्री है। विधायक खरीदने फरोख्त मामले से जुड़े वीडियो फुटेज को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति को भेजा जा रहा है।
उन्होंने अनुरोध किया कि लोकतंत्र को बचाएं और संवैधानिक मर्यादा का पालन करें। लोकतंत्र में किसी के अधिकारों का हनन करना, छीनना लोकतंत्र को कुचलने, हत्या करने के समान है। यदि रक्षक ही भक्षक बनने लगे तो परिणामों की कल्पना की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग तेलंगाना राष्ट्र समिति को नहीं डरा पाई तो भारतीय जनता पार्टी ने विधायक खरीद फरोख्त का सहारा लेने का प्रयास किया है। दुख की बात है कि इसमें मठाधीशों और स्वामीयों का उपयोग किया गया।
उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह दिल्ली के रामचंद्र भारती, डेक्कन प्राइड होटल के मालिक नंदू (अंबरपेट के रहने वाले), सोमयाजुलु स्वामी और दो अन्य लोगों ने कथित तौर पर मुनुगोड़े उप-चुनाव को लेकर विधायकों को खरीदने की पेशकश की थी। आरोप है कि केसीआर की पार्टी के विधायकों को दल बदलने के लिए रिश्वत देने का प्रयास किया गया। इसमें तेलंगाना राष्ट्र समिति के चार विधायकों से 100 करोड़ से ज्यादा की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हैदराबाद स्थित फार्महाउस की तलाशी के दौरान तीन लोगों को हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ये तीनों लोग फर्जी पहचान के आधार पर हैदराबाद आए थे। इन लोगों के निशाने पर तेरास के चार विधायक थे। उन विधायकों ने ही पुलिस को सूचना दी थी।
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