
इस साल नए साल की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ हुई है। लेकिन फरवरी का महीना आते ही तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। फरवरी माह में ही सूरज की तपिश शुरू हो चुकी है।
फरवरी का महीना आधा बीत चुका है और तापमान तेजी से बढ़ रहा है। घर से बाहर कदम रखते ही पसीना आने लगता है। फरवरी के महीने में महसूस होने वाली गर्मी को गर्मी की तपिश कहा जाता है। फरवरी माह में तापमान में हुई वृद्धि को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष गर्मी में अधिक गर्मी सहन करनी पड़ेगी।
फरवरी में बढ़े तापमान और गर्मी को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि मई-जून के महीने में भीषण गर्मी पड़ने के संकेत हैं। यह गर्मी कैसी होगी, कितनी गर्मी पड़ेगी और गर्मी के महीने कैसे गुजरेंगे, मई और जून में तापमान कैसा रहेगा, लोगों के मन में कई सवाल उठे हैं। जानिए इन सवालों के जवाब। यह भी पढ़ें फरवरी के महीने में तापमान में बढ़ोतरी की क्या वजह है।
इस साल फरवरी के महीने में तापमान में खासी बढ़ोतरी हुई है। कुछ हिस्सों में सूरज मई के महीने की तरह चमक रहा है। पश्चिमी विक्षोभ यानी पश्चिमी हवाओं का असर नहीं होने और पहाड़ों पर बर्फबारी कम होने से मैदानी इलाकों में गर्मी बढ़ रही है।
हर साल फरवरी के महीने में कुछ न कुछ परिवर्तन होता है, इसलिए फरवरी महीने के अंत में ठंड का अहसास होता है। इस साल भी मौसम विभाग ने फरवरी के आखिरी दिनों में कुछ इलाकों में तापमान में गिरावट की संभावना जताई है।अगले पांच दिनों तक सुबह न्यूनतम और दोपहर अधिकतम तापमान वर्तमान से कुछ कम रहेगा।
मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल गर्मी जल्द ही शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में तापमान में फिर से गिरावट आएगी और इसके बाद कुछ दिनों में तापमान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक रहने की संभावना है। इसके साथ ही यह भी अनुमान लगाया गया है कि इस गर्मी में तापमान बहुत अधिक बढ़ सकता है।
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