जाने आखिर क्यों करते हैं सांता बच्चों से प्यार, क्रिसमस पर क्यों आते हैं?
क्रिसमस पर सभी सांता के आने का इंतजार करते हैं। रात में अचानक से गिफ्ट रख कर चले जाने वाला सांता आखिर बच्चों को गिफ्ट देने क्यों आता है?
क्या आपने कभी सांता के बच्चों के प्रति इस प्रेम के बारे में जाना है? क्यों सांता क्रिसमस पर आता है और बच्चों को गिफ्ट देता है? इसके पीछे बहुत ही रोचक इतिहास है।
यीशू का और 'संता क्लॉज' का क्या रिलेशन है, चलिए आज इसे जानें।
संत निकोलस ही हैं सांता
डेढ़ हजार साल पहले जन्मे संत निकोलस ही सांता के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध हुए और उनके ही नाम पर सांता बना। सांता बच्चों को गिफ्ट देकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाता है। हांलांकि आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि यीशू और सांता में कोई सीधा संबंध नहीं है। बस गरीब बच्चे भी क्रिसमस पर खुशिया बना सकें इसलिए सांता का जन्म हुआ और वह बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने के लिए हर जगह आने लगा।
संत निकोलस का जन्म जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ था। वे एक रईस परिवार में जन्में थे लेकिन बचपन में ही उनके माता-पिता की मौत हेा गई। यीशू के प्रति संत निकोलस का विशेष लगाव था और यही कारण है कि वह बड़े होकर ईसाई धर्म के पादरी और बाद में बिशप बने। उन्हें जरूरतमंदों और बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखना पसंद था और वह बच्चों को गिफ्ट देने लगे और धीरे-धीरे ये क्रिसमस से जुड़ गया।
'संता क्लॉज' भगवान का दूत माने गए है
हालांकि कुछ जगह सांता क्लॉज को भगवान का दूत माना गया है। माना जाता है कि सांता यीशू के पिता थे। सांता का आज का जो प्रचलित नाम है वह निकोलस के डच नाम सिंटर क्लास से आया है। जीसस और मदर मैरी के बाद संत निकोलस को ही इतना सम्मान मिला है।
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