
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल और धीरज वधावन ने संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से 5,050 करोड़ रुपये के धन की हेरा-फेरी की है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राणा कपूर, उनके परिवार, वधावन और अन्य के खिलाफ हाल ही में यहां विशेष अदालत में दायर अपने दूसरे पूरक (कुल मिलाकर तीसरे) चार्जशीट में यह बात कही है। ईडी ने आरोप पत्र में कहा कि जांच के दौरान प्रकाश में आया कि हेरा-फेरी करके अर्जित की गई आय का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर द्वारा विदेश स्थानांतरित किया गया। जो सीधे तौर पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्की के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस 5050 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी के इस पूरे मामले में राणा कपूर, डीचएफएल के प्रोमोटर कपिल बधावन और धाीरज बधावन और अन्य एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। ईडी ने कहा कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये के डिबेंचर जनता के पैसे से खरीदे थे। इसी राशि डीएचएफएल को हस्तांतरित कर दी गई। इसके बाद, डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (राणा कपूर और उनके परिवार के स्वामित्व वाली एक इकाई) को 600 करोड़ रुपये का ऋण दिया।
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