
असम में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के चार छात्रों को कथित तौर पर एक जूनियर की रैगिंग करने के आरोप में तीन साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। वहीं, गुरुवार को पीड़ित छात्र की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन सफल रहा।
एमकॉम प्रथम वर्ष छात्र का आनंद सरमा ने पिछले सप्ताह अपने सीनियर्स द्वारा ली जा रही रैगिंग से बचने के लिए अपने छात्रावास की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इससे उसके हाथ और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था।
मामले में असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने ट्वीट किया, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के रैगिंग पीड़ित आनंद सरमा की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। डॉक्टर और निजी अस्पताल जहां प्रक्रिया की गई थी, को धन्यवाद देते हुए मंत्री ने कहा कि छात्र अब अच्छा स्वास्थ्य में सुधार महसूस कर रहा है।
इस बीच, विश्वविद्यालय ने सोमवार को रैगिंग के आरोप में 22 छात्रों को संस्थान से निष्कासित कर दिया था। अब तक करीब 21 छात्रों पर कार्रवाई की गई है। चार छात्रों को अगले तीन साल देशभर के किसी भी संस्थान में दाखिले से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
डिब्रूगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिटुल चेतिया ने बताया कि अब तक रैगिंग की घटना में शामिल पांच छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक अन्य व्यक्ति को आरोपी को शरण देने के लिए हिरासत में लिया गया है।
अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए हमारा सर्च ऑपरेशन जारी है। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि एंटी-रैगिंग कमेटी ने बुधवार शाम को एक आपात बैठक में चार छात्रों को तीन साल की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया, जिसके तहत उन्हें किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से रोक दिया गया है।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति जितेन हजारिका ने बताया कि छात्रावास में रैगिंग की घटना को रोकने में सक्षम नहीं होने के कारण 'पद्मनाथ गोहेन बरुआ छात्र निवास' के तीन छात्रावास वार्डन दिव्यज्योति दत्ता, अबू मुस्ताक हुसैन और पलाश दत्ता को निलंबित किया गया है।
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