
मध्य प्रदेश में चुनावी साल में सरकार एक बार फिर बुजर्गो को तीर्थ दर्शन कराएगी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगभग विराम लग गया था। लेकिन मध्य प्रदेश सत्ता हाथ में आने के चुनावी साल में बीजेपी सरकार इसे एक बार फिर शुरू करने जा रही है।
कोरोना के ब्रेक के बाद जैसे ही कोरोना से मुक्ति मिली, फिर से नए प्रावधानों के साथ इस योजना को हरी झंडी दे दी गई थी। अब इस योजना के तहत पहली ट्रेन नए साल में 21 जनवरी को रामेश्वरम को रवाना होने जा रही है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर श्रवण कुमार की भूमिका में नजर आने वाले है, मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार की पिछले कार्यकाल की फ्लेगशिप योजना में शुमार रही तीर्थ दर्शन योजना एक बार फिर शुरू होने जा रही है।
सरकार की योजना फिलहाल प्रदेश के 20 हजार श्रद्धालुओं को तीर्थ दर्शन कराने की है। इसके लिए अब 20 नई ट्रेनें चलाएगी। यह ट्रेनें मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत चलाई जाएंगी।
योजना के पहले चरण में बड़वानी व शाजापुर जिले के बुजुर्ग यात्रियों के लिए 21 जनवरी को रामेश्वरम के लिए रवाना किया जाएगा।
इन जिलों के यात्री इंदौर व शाजापुर स्टेशन से ट्रेन में बैठेंगे, तो वहीं रायसेन जिले के बुर्जुग तीर्थ यात्रियों के लिए 16 मार्च को कामाख्या पीठ के लिए ट्रेन रवाना की जाएगी। यह ट्रेन औबेदुल्लागंज, रानी कमलापति व भोपाल स्टेशन पर हाल्ट लेकर जाएगी।
इस योजना के तहत दिसंबर व जनवरी माह मकर संक्रांति के समय तीर्थ दर्शन ट्रेन चलाई जाने की तैयारी थी, लेकिन इन दिनों सर्दी अधिक पड़ने और बुर्जुगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों के शेड्यूल को थोड़ा आगे बढ़ाया गया।
गौरतलब है कि शिवराज सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बुर्जुगों और विकलांग नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत 2012 में शुरू किया गया था।
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