
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार को ईडी के समन का विरोध करते हुए प्रदर्शन के दौरान अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ सोमवार को दिल्ली में हिरासत में लिया गया। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश तानाशाही देख रहा है।
भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, आज जिस तरह कांग्रेस पार्टी का शांतिपूर्ण मार्च रोका जा रहा है, इस तानाशाही को पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस मुख्यालय की घेराबंदी कर दी गई है, चारों तरफ पुलिस तैनात कर दी गई है।
राजनेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। ईडी कार्यालय जाते समय मुझे भी अपने सहयोगियों के साथ हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद गहलोत ने कहा, अगर आप पांच लोगों को जाने देंगे तो क्या फर्क पड़ेगा?
उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र में बिल्कुल अनुचित है। राहुल और सोनिया गांधी को ईडी का नोटिस कांग्रेस कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। हर जिले और ब्लॉक में आंदोलन चल रहा है। उन्हें समझना चाहिए और कानून के शासन को स्थापित होने देना चाहिए।
उन्होंने भाजपा सरकार की निंदा करते हुए सवाल किया, हिंदू-मुसलमान की बात कर कब तक गुमराह करते रहोगे? ईडी के नोटिस गलत हैं। पूरे देश के कार्यकर्ता यहां आए हैं देश का मिजाज दिखाने के लिए। ये फासीवादी लोग (भाजपा सरकार) लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, समय रहते उनके खिलाफ आवाज उठानी होगी।
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सड़कों को जाम कर दिया। गहलोत और कांग्रेस के अन्य नेताओं की दलीलों के बावजूद उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया।
गहलोत के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, पवन खेड़ा, पीएल पूनिया, गौरव गोगोई, मीनाक्षी नटराजन समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया।
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