वैक्सीन को लेकर अखिलेश यादव ने दी सफाई, कहा हमने वैज्ञानिकों पर सवाल नहीं उठाया
कोरोना वैक्सीन को लेकर मचे बवाल के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि "भाजपा इवेंट मैनेजमेंट करती है और दिखावटी काम करती है। हमने कोरोना वैक्सीन को लेकर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों पर कोई सवाल नहीं उठाए था, बल्कि कहा था कि जनता को भाजपा के फैसलों पर भरोसा नहीं है।"
अखिेलश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सवाल भाजपा के फैसलों पर है। भाजपा सरकार ने अभी तक जो भी फैसले किए हैं, उससे जनता को नुकसान हुआ है। जनता को भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं है। "सरकार से हमारा सवाल है कि गरीबों को वैक्सीन कब मिलेगी? एक साल में, दो साल में या तीन साल में? वैक्सीन गरीबों को मुफ्त मिलेगी या नहीं?"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा "मैंने कभी वैज्ञानिकों पर बयान नहीं दिया। हम तो कहते हैं कि सबसे पहले मीडियाकर्मियों को वैक्सीन लगे, क्योंकि मीडिया के लोगों ने कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन पर काम किया है।"
उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंडी बंद कर दी, कई मंडी बेच दी। इस दौरान कितने किसानों पर आंसूगैस के गोले चलाए गए, कितनों की हत्या हो गई, कितनों ने आत्महत्या कर ली और कितनों की जान चली गईं, लेकिन इस सरकार को किसानों की परवाह नहीं है।"
अखिलेश ने कहा, "प्रदेश में गन्ना मूल्य का भुगतान 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। आजमगढ़ में गन्ना किसानों का भुगतान इसलिए नहीं हो रहा है, क्योंकि मैं वहां का सांसद हूं। मेरे संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य सरकार ने रोक दिया है।"
उन्होंने कहा कि सपा आगामी चुनाव में किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेगी। सपा ने छोटे दलों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। जो दल साथ में हैं या जिन्होंने मदद की थी वह चुनाव में साथ रहेंगे। भाजपा सरकार देश को अब निर्थक बहसबाजी में न उलझाए। सामने आकर किसान आंदोलन में लगातार बढ़ती किसानों की मृत्यु व आत्महत्या पर सार्थक बहस करे।
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