
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लावारिस पशुओं पर लगाम लगाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बड़ा कदम उठाया है।
योगी सरकार (Yogi Government) ने उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है, जो दूध देना बंद करने पर गायों को लावारिस छोड़ देते हैं।
सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को कहा कि पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत ऐसे किसानों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि कसाई और किसान के बीच अंतर है। हम किसानों का ध्यान रखेंगे, लेकिन कसाइयों का नहीं।
जिन किसानों ने अपने पशुओं को लावारिस छोड़ा उनके खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगी। समाजवार्दी पार्टी के विधायक अवधेश प्रसाद की ओर से विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर मंत्री ने ये जवाब दिया था।
सरकार से आवारा पशुओं की समस्या को लेकर सपा एमएलए अवधेश प्रसाद ने योजना और इनकी वजह से मारे गए लोगों को मुआवजे से संबंधित सवाल पूछा था। इस पर मंत्री ने जवाब में दिया है कि ये आवारा मवेशी नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोड़ा गया है।
यह हर कोई जानता है कि उन्हें किसने छोड़ा है. एक गाय जब दूध देती है तब उसे रखा जाता है और जब दूध देना बंद करती है तब उसे छोड़ दिया जाता है।
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 15 मई तक प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 6,187 गौ आश्रय केंद्र निर्मित किए गए हैं। इन केंद्रों में 8,38,015 पशुओं को रखा गया है. गौरतलब है कि यूपी में छुट्टा जानवरों के चलते किसानों की फसलों को क्षति पहुंच रही है।
विधानसभा चुनाव में विपक्ष ने इस समस्या को बड़ा मुद्दा बनाया था। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने कई रैलियों में कहा था कि राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनने पर इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। 2017 में सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया था।
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