
लखनऊ विश्वविद्यालय के कम्यूटर साइंस डिपार्टमेंट से पीएचडी कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों की कक्षाएं दो साल बाद भी नहीं शुरू हो सकी हैं।
सत्र 2019-20 और 2020-21 में पीएचडी में प्रवेश लेने वाले छात्र फीस जमा करने के बाद भी कोर्स वर्क के शेड्यूल के लिए विभाग और विवि प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं। इस मामले को लेकर छात्रों राजभवन में शिकायत भी की।
साइंस फैकल्टी के डीन ने एडमिशन कोऑर्डिनेटर पर नंबरों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। डीन का आरोप था कि कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की मेरिट से छेड़छाड़ की गई है। इंटरव्यू में जो अंक दिएं हैं उन्हें एडमिशन कोऑडिनिटर के स्तर से पूरी तरह बदल दिया गया।
मामला वीसी प्रो. आलोक कुमार राय तक भी पहुंचा था। जिसके बाद वीसी ने जांच कमेटी बनाई। कमेटी की जांच अभी पूरी नहीं हो पायी।
कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में 2019-20 में पीएचडी की छह सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे। विवि प्रशासन के आदेश पर 5 सदस्य समिति ने आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए और अंक प्रवेश समिति को भेजे।
एचओडी की तरफ से बीते जून में एलयू प्रशासन को एक पत्र भेजा गया। जिसमें से अधिक छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया देख रहे एडमिशन कौँऑर्डिनेटर और उनकी टीम पर सवाल खड़े किए गए कि जो अंक इंटरव्यू करने वाली समिति की तरफ से भैजे थे उनमें फेरबदल हुआ है।
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