
उत्तर प्रदेश में कोरोना की चाल बहुत धीमी पड़ चुकी है। राज्य अब 10 जिले ऐसे हैं जहां पर 600 से ज्यादा कोरोना वायरस के एक्टिव केस हैं। राज्य सरकार द्वारा तय किए गए मानक के अनुसार 600 से अधिक मरीज होने पर आंशिक कर्फ्यू लगाए जाने का आदेश है।
जिन 10 जिलों में कोरोना के रोगी इस मानक से अधिक हैं, उसमें मेरठ में 1,452, सहारनपुर में 1,399, लखनऊ में 1,334, मुजफरनगर में 1,213, वाराणसी में 1,159, गोरखपुर में 880, गाजियाबाद में 677, गौतमबुद्घनगर 665, बुलंदशहर में 625 और बरेली में 617 रोगी हैं। ऐसे में 600 से कम मानक वाले जिन जिलों को कोरोना कफ्र्य से छूट मिल रही है,वहां के लोगों की जिंदगी तेजी से पटरी पर लौट रही है।
कोरोना के हर फ्रंट से लगातार अच्छी खबरों के आने का सिसिला जारी है। 31 मई के बाद से एक दिन में आने वाले संक्रमण के नए केसेज की संख्या 1500 से नीचे बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान नए केसेज की संख्या 1175 रही। कल यह संख्या 1268 थी।
24 अप्रैल को यह संख्या सर्वाधिक 38055 थी। इस दौरान स्वस्थ्य होने वालों की संख्या रही 3646। रिकवरी रेट सुधरकर 97.4 फीसद तक पहुंच गई। 24 अप्रैल को सक्रिय केसेज की संख्या रिकॉर्ड 3 लाख 10 हजार के करीब थी। अब यह घटकर 22877 पर आ गई। कल यह 25546 थी।
प्रभारी मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश के बाद सीएम योगी खुद भी ग्राउंड जीरो पर गए। यही वजह रही की काम समय और कम संसाधनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण लग सका।
इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग, मुंबई और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना प्रबंधन के योगी मडल की तारीफ की। बावजूद इसके सरकार अब भी कोरोना को लेकर बेहद सतर्क है। मुख्यमंत्री योगी का साफ निर्देश है कि स्थानीय प्रशासन कोरोना कर्फ्यू के नियमों का कड़ाई से पालन कराए।
Keep up with what Is Happening!